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हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान 10 मरे : पुलिस

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हरियाणा में जाट आंदोलन, 10 लोगों की मौत, पुलिस, शनिवार रात से ही हिंसा जारी

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चंडीगढ़| हरियाणा में उग्र व हिंसक हो चुके जाट आंदोलन के दौरान 10 लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 150 घायल हो गए हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक वाई. पी. सिंघल ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि इस आंदोलन से सबसे अधिक प्रभावित रोहतक, भिवानी और झज्जर जिलों में शनिवार रात से ही हिंसा जारी है। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट के अनुसार, 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 लोग घायल हुए हैं। हालांकि, शनिवार रात से पुलिस कार्रवाई या प्रदर्शन में किसी के भी मरने की सूचना नहीं है।” सिंघल ने कहा कि सुरक्षा बलों और सरकार की प्राथमिकता दिल्ली में पानी का आपूर्ति बहाल करना है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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