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जुर्म

हरयाणा में नकली सिक्कों की फैक्ट्री का हुआ भांडा फोड़, 10 लाख के सिक्के बरामद

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खनकते सिक्के किसको पसंद नहीं होते? सभी के जेबों में सिक्के ज़रूर रहते हैं। वाहनों का किराया देना हो, छोटा-मोटा सामान खरीदना हो, ऐसे छुट-पुट खर्चों के लिए लोग नोटों के बजाए सिक्कों का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपकी जेब में भी खनकते हुए सिक्के रखे हैं, तो ज़रा एक बार उन्हें जांच ज़रूर लीजिएगा। जी हां, कहीं ऐसा न हो कि आपके पास जो 10, 5 के सिक्के हो, वो नकली निकलें ! अब सिक्के अवैध टकसाल में बनने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला हरियाणा से सामने आया है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली सिक्के बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। ये फैक्ट्री हरियाणा में चल रही थी। फैक्ट्री से 10 लाख की कीमत के सिक्के बरामद किए गए हैं। इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने छापेमारी कर सिक्के बनाने का सामान, मशीन बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक, फैक्ट्री हरियाणा के दादरी इलाके में चल रही थी।

गुप्त सूचना के आधार पर स्पेशल-सेल की टीम ने नकली भारतीय सिक्कों के निर्माण और आपूर्ति के बारे में छानबीन शुरू की। जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध नकली सिक्कों के तस्कर नरेश कुमार द्वारा संचालित सिंडिकेट का पता चला। 22 अप्रैल को टिकरी बॉर्डर पर ग्राम झरोदा कलां, पीवीसी मार्केट के पास, मुंडका, नई दिल्ली में छापेमारी की गई और आरोपी नरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया और कुल 10112 नकली भारतीय सिक्के मिले जो 10 रुपये के थे। इस मामले में कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी नरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बताया कि नरेश शुरू में जांच में सहयोग नहीं कर रहा था. वह लगातार टालमटोल कर रहा था और जांच को गुमराह कर रहा था। उससे निरंतर पूछताछ की गई और बाद में उसने अवैध नकली सिक्कों के कारखाने के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और घटनास्थल से सिक्के बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले कई उपकरण को बरामद कर लिया।

नरेश कुमार से मौके पर कुल 10112 सिक्के मिले जो 10 रुपये के थे. इसके अलावा बाकी जहगों से भी सिक्के बरामद हुए जिनका कुल मूल्य 1016120 रुपये था. छापेमारी में इलेक्ट्रिक मोटर, डाई, प्रेशर मशीन की चार असेंबली, सिक्कों पर प्रतीक और अन्य विशेषताओं को उकेरने वाले सामान बरामद किए गए.

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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