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प्रादेशिक

2 लाख का इनामी बदमाश कुलदीप उर्फ फज्जा पुलिस एनकाउंटर में ढेर

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 लाख के इनामी बदमाश कुलदीप उर्फ फज्जा को मार गिराया है। पुलिस की रोहिणी के सेक्टर 14 के तुलसी अपार्टमेंट के पास फज्जा से मुठभेड़ हो गई जिसके बाद पुलिस की गोली से वो मारा गया। इसके अलावा पुलिस ने कुलदीप के दो साथियों जोगिंदर और भूपेंद्र को गिरफ्तार किया है। दोनों ने उसे छिपाने में मदद की थी।

बता दें कि बीते गुरुवार को कुलदीप को दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन इलाज के लिए GTB अस्पताल लेकर आई थी। इसी दौरान कुलदीप अपने साथियों की मदद से पुलिस कस्टडी से भाग निकला। भागते वक्त कुलदीप ने पुलिस पर गोलियां चलाई, जिसके जवाब में पुलिस की तरफ से फायरिंग हुई। इस दौरान कुलदीप तो फरार हो गया लेकिन उसका एक साथी मारा गया और एक पकड़ा लिया गया था।

इसके बाद से कुलदीप रोहिणी सेक्टर 14 के तुलसी अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छुपा हुआ था। सूचना मिलने पर जब पुलिस इसे पकड़ने गई तब इसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस द्वारा बचाव में चलाई गई गोली कुलदीप को लग गई। गंभीर हालत में पुलिस कुलदीप को अस्पताल लेकर पहुंची जहां उसकी मौत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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