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मुख्य समाचार

बीजेपी को पीडीपी की नई शर्त मंजूर नहीं

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भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी गठबंधन, ‘लिखित आश्‍वासन’ की एक नई मांग, मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती

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नई दिल्ली/श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी गठबंधन की सरकार का जम्मू-कश्मीर में आगे चल पाना मुश्किल होता जा रहा है, जहां एक तरफ पीडीपी ने भाजपा के सामने ‘लिखित आश्वासन’ की एक नई मांग रख दी है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने पूर्व के न्यूनतम साझा कार्यक्रम से इतर कोई भी मांग मानने को तैयार नहीं दिख रही है। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन आगे चलाने को लेकर उसकी ‘लिखित आश्वासन’ की मांग को भाजपा ने खारिज कर दिया है। रविवार को पार्टी के इस कदम से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात में एक और दिलचस्प मोड़ आ गया है। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु होने के बाद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को श्रीनगर के अपने निवास पर पीडीपी विधायकों की मीटिंग बुलाई है। पीडीपी की इस मांग पर बीजेपी के शीर्ष सूत्रों ने बताया, ‘हम कोई लिखित आश्वासन देने को तैयार नहीं हैं क्योंकि यह जरूरी नहीं है। हम मुफ्ती साहब के समय न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर हुई सहमति को ईमानदारी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस मांग पर और नहीं झुकेंगे।’

पार्टी के सूत्रों ने कहा कि मुफ्ती ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम को दोनों पार्टियों के बीच पिछले साल हुए गठबंधन का एकमात्र आधार माना था। एक सूत्र ने कहा, ‘हम किसी भी नई शर्त के थोपे जाने की कोशिश को स्वीकार नहीं करेंगे।’ जाहिर है कि तीन सप्ताह से पीडीपी के अड़ियल रुख को देखते हुए बीजेपी ने भी अपना स्टैंड सख्त कर लिया है। गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ने जोनल स्तर के पूर्व मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों की मौजूदगी में जोनल लेवल के 200 नेताओं के साथ पांच घंटे चली बैठक में कहा था कि वह बीजेपी के आलाकमान द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने पर ही गठबंधन आगे चलाएंगी। मीटिंग में मौजूद एक जोनल अध्यक्ष ने बताया कि महबूबा ने साफ किया था कि अगर बीजेपी ने लिखित आश्वासन नहीं दिया तो वह मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर देंगी। हालांकि, बीजेपी इसे तवज्जों नहीं दे रही है और उनकी मांग को दबाव की राजनीति बताया। बीजेपी के एक सूत्र ने कहा, ‘हमें अपने मूल मतदाताओं को भी स्पष्ट करना है कि हम पीडीपी के साथ गठबंधन में क्यों हैं, लेकिन हम जम्मू-कश्मीर के हालात को सामान्य करने को लेकर बड़े समाधान की जरूरत को भी समझते हैं।’

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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