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मुख्य समाचार

इरोम की अदालत के समक्ष पेश होने की संभावना कम

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इम्फाल| मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला की दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में तीन और चार फरवरी को पेश होने की संभावना कम है। उन पर आत्महत्या का प्रयास करने का आरोप लगा है।

मणिपुर प्रशासन इरोम और उनकी टीम के यात्रा व्यय को मंजूरी देने में असफल रहा है।

मणिपुर सरकार के गृह विभाग ने इरोम और उनकी टीम के लिए 1.40 लाख रुपये के यात्रा व्यय को मंजूरी देने में असफल रहा है। पहले भी वह समान कारणों से अदालत में पेश नहीं हो पाई थी।

जेल नियमावली के मुताबिक, दिल्ली आने के दौरान उनके साथ पुलिस, जेल एवं चिकित्सा दल रहेगा।उन पर आत्महत्या के प्रयासों की वजह से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 309 के तहत मामला चल रहा है। इरोम शर्मिला मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाने की मांग की वजह से चार नवंबर 2000 से अनशन पर हैं।

मणिपुर में विदेशी प्रशिक्षित घुसपैठियों की वजह से आठ सितंबर 1980 को यह अधिनियम लागू किया गया था।

इस अधिनियम के तहत उसे हर साल हिरासत में ले लिया जाता है और साल के अंत में रिहा कर दिया जाता है लेकिन इरोम शर्मिला के लगातार उपवास करने की वजह से उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया जाता है।

पश्चिमी इम्फाल के मुख्य न्यायिक न्यायाधीश अदालत द्वारा रिहा करने के बाद उन्हें छह अक्टूबर 2006 को दिल्ली लाया गया।

हालांकि, वह आत्महत्या का प्रयास करने के आरोपों से इंकार करती रही हैं।

उनके मुताबिक, “मैं जिंदगी से प्यार करती हूं और जीना चाहती हूं। मैं अपने लक्ष्यों का हासिल करने के लिए अनशन का सहारा ले रही हूं।”

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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