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अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल, फिलिस्तीन के बीच तनाव कम करने की जरूरत : ओबामा

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वाशिंगटन| अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के नागरिकों के बीच के तनाव कम को करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। ओबामा ने व्हाइट हाउस में इजराइल के राष्ट्रपति रेउवेन रिवलिन का स्वागत करते हुए कहा कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव कम करने के लिए रिवलिन के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ओबामा ने कहा, “यकीनन यह वह समय है जब गंभीर शांति की संभावनाएं दूर होती प्रतीत हो रही हैं इसलिए यह जरूरी है कि हम कोशिशें जारी रखें।”

इजरायल, जेरूसलम और वेस्ट बैंक में अक्टूबर की शुरुआत से लेकर अब तक चाकू गोदने, गोलीबारी और कार से टकराने की घटना में 19 इजरायलियों और 110 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

ओबामा ने कहा, “मैं इजरायल में हो रही हिंसा की निंदा करता हूं। हमें फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास जैसे नेताओं की जरूरत हैं, जो स्पष्ट रूप से हिंसा की निंदा कर सकें।”

ओबामा ने इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के बीच बातचीत शुरू करने की जरूरत पर बल दिया।

रिवलिन ने पिछले छह साल से अमेरिका द्वारा इजरायल को दी जा रही आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य मदद के लिए धन्यवाद दिया।

रिवलिन ने कहा, “हमारा इस्लाम से कोई लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई उन लोगों से है, जो दुनियाभर में बेगुनाह लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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