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अन्तर्राष्ट्रीय

एसयू-24 घटना ने सूचना के आदान-प्रदान का महत्व समझाया

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मास्को। क्रेमलिन ने मंगलवार को कहा कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) और दैश से लड़ रहे देशों को मिल जुलकर कार्रवाई करनी चाहिए और इस दिशा में सूचना साझा करने की कोशिशों को तेज करना चाहिए। 

क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि पिछले मंगलवार को तुर्की द्वारा रूस के एसयू-24 युद्ध विमान गिराए जाने की घटना ने सूचना एवं सहयोग तंत्र के आदान-प्रदान के महत्व को दर्शाया है।

पेस्कोव ने कहा कि इस घटना ने कई देशों के लिए साझा समस्याओं के प्रति चिंता बढ़ा दी है। इन साझा समस्याओं का सोमवार को पेरिस में शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने द्विपक्षीय बैठकों के दौरान उल्लेख किया था।

न्यूज एजेंसी ‘रिया नोवोस्ती’ ने क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव के हवाले से कहा कि दैश और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ संयुक्त गठबंधन पर चर्चा करना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ जंग लड़ने में भागीदारी कर रहे देश जानते हैं कि इस दिशा में सहयोग जरूरी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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