Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

पेरिस में आतंकी हमलों में 153 की मौत, सभी आंतकी ढेर, इमरजेंसी घोषित

Published

on

Loading

पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार देर रात हुए आतंकवादी हमलों में 153 लोगों की मौत हो गई। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। मीडिया रिपोर्टों से यह जानकारी मिली। पेरिस में शुक्रवार देर रात छह स्थानों पर हुए इन हमलों में शामिल एक आतंकवादी गोली चलाते समय चिल्लाया-‘यह सीरिया का बदला है’।

आतंकवादियों ने हमले के लिए फुटबॉल स्टेडियम को भी निशाना बनाया, जहां राष्ट्रपति ओलांद फ्रांस और जर्मनी बीच जारी दोस्ताना मैच देख रहे थे। हमले के तुरंत बाद उन्हें सकुशल बाहर निकाल लिया गया। सभी आठ आतंकवादियों को बाद में मार गिराया गया। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हमलावरों ने अपने चेहरे नहीं ढके हुए थे और वे युवा लग रहे थे।

इन हमलों का सर्वाधिक भयावह मंजर बैटाकलां थिएटर में रहा, जहां आतंकवादियों ने कंसर्ट देख रही भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। उन्होंने कम से कम तीन बार अपने स्वचालित मशीन गन रिलोड की। लोगों को बंधक भी बनाया और जैसे ही सुरक्षाबलों ने थिएटर में घुसकर जवाबी कार्रवाई की हमलावरों ने स्वयं को उड़ा दिया, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

इन हमलों से हैरान और स्तब्ध ओलांद ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी। बीबीसी और फ्रांस की मीडिया के मुताबिक, इसके बाद ओलांद ने कंसर्ट हॉल का दौरा किया और आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता जताई। फ्रांस के सुरक्षाबलों ने शनिवार सुबह सभी हमलावरों के मारे जाने का ऐलान किया लेकिन अन्य हमलावरों के जीवित होने की संभावना को देखते हुए तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
पेरिस के स्थानीय लोगों को घर में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। शहर में सैनिकों ने अड्डा जमा लिया है। शनिवार को सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पेरिस में हिंसा का यह सर्वाधिक दर्दनाक घटना है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार देर रात जिन स्थानों पर ये सिलसिलेवार हमले हुए, वे पेरिस के लोकप्रिय डे ला रिपब्लिक, डे ला बेस्टिल स्थानों से दूर नहीं हैं। इस दौरान कैफे, बार और रेस्तरां में भारी संख्या में लोग मौजूद थे। लोग पिज्जा रेस्तरां, कंबोडियाई रेस्तरां, बार और मैकडॉनल्ड दुकान के बाहर खड़े थे। पेरिस के स्टेड डे फ्रांस में भी हमला हुआ, जहां 80,000 लोग फ्रांस और जर्मनी के बीच चल रहा फुटबॉल मैच देख रहे थे। इनमें राष्ट्रपति ओलांद भी थे।

सर्वाधिक भयावह मंजर बैटाकलां कंसर्ट हॉल का रहा, जहां भारी संख्या में लोग अमेरिकी रॉक समूह ‘द ईगल्स ऑफ डेथ मेटल’ की प्रस्तुति देखने के लिए इकट्ठा हुए थे। बीबीसी ने कंसर्ट हॉल में मौजूद पत्रकार जुलियन पियर्स के हवाले से बताया कि हॉल में हथियारों के साथ कई हमलावर घुसे। दो से तीन की संख्या में आए लोगों ने अपने चेहरे नहीं ढके हुए थे। इनके पास कलाशनिकोव (राइफल) थे और इन्होंने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।

हमलावरों ने 10 से 15 मिनट तक लोगों पर गोलियां चलाई। वह काफी हिंसक दृश्य था और डर भी लग रहा था। इस दौरान हमलावरों ने तीन बार अपनी बंदूके रीलोड की। वे बहुत युवा लग रहे थे। यहां-वहां शव बिखरे हुए थे। फुटबॉल स्टेडियम में हुए हमले में भी फर्स्ट हाफ के मैच के बीच लोगों ने दो बड़े धमाकों की आवाज सुनी, जबकि सेंकेंड हाफ के बाद एक छोटा धमाका हुआ। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के मथुरापुर में बोले पीएम मोदी- TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं

Published

on

Loading

कोलकाता। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पश्चिम बंगाल के मथुरापुर पहुंचे। जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के निशाने पर टीएमसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही हैं। उन्होंने कहा है कि टीएमसी पूरी तरह बौखलाई हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि 2024 का ये लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग है, अद्भुत है. ये चुनाव खुद आगे बढ़कर देश की जनता लड़ रही है क्योंकि, उसी जनता ने 10 साल की विकास यात्रा भी देखी है और 60 वर्षों की दुर्गति भी देखी है. देश के करोड़ों गरीब जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे. भारत जैसे देश में भुखमरी की खबरें आम होती थीं. करोड़ों लोगों के सिर पर छत नहीं थी. महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर थीं. पीने के लिए पानी नहीं था. 18 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं थी. उद्योगों के लिए संभावनाएं भी नहीं थीं. सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये भी था कि सुधार के लिए चर्चा भी नहीं होती थी.

उन्होंने कहा कि TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं. बीजेपी से बंगाल के लोगों का प्यार टीएमसी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिए टीएमसी बुरी तरह बौखलाई हुई है. अब टीएमसी के पास मोदी की पहल में बाधा डालना ही एकमात्र हथियार बचा है. महिला हेल्पलाइन केंद्रों से लेकर आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा उपचार तक, टीएमसी इस क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करती है. बंगाल के लोग टीएमसी के घिनौने इरादों की कीमत चुका रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीएमसी की जिद का बहुत बड़ा नुकसान इस क्षेत्र के लाखों मछुआरों को हो रहा है. केंद्र सरकार मछुआरे भाई-बहनों के लिए इतनी सारी योजनाएं चला रही है. हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी, पीएम मत्स्य संपदा योजना शुरू की, जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया गया, लेकिन यहां भी टीएमसी सरकार का वही रवैया रहा कि हम ये होने नहीं देंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी बंगाल की पहचान को खत्म करने में लगी है. ये बंगाल के मठों को, साधु संतों तक को नहीं छोड़ रहे. ये पार्टी इस्कॉन, रामकृष्ण मठ और भारत सेवाश्रम जैसी संस्थाओं को गाली दे रही है. इनके गुंडे मठों पर हमला कर रहे हैं.

Continue Reading

Trending