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बिहारः छठ के बाद ही शपथ लेगी नीतीश सरकार
पटना। महागठबंधन नेता नीतीश कुमार बिहार के सीएम पद की शपथ छठ पर्व के बाद लेंगे। उनके साथ 36 सदस्यीय कैबिनेट भी छठ पर्व के बाद ही शपथ ग्रहण करेगा। 20 नवंबर को वह गांधी मैदान में शपथ लेंगे जिसमें देशभर के राजनेताओं को आमंत्रित किया जा सकता है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार ऐतिहासिक सफलता का बड़ा जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार में 11 नवंबर को चुनाव आचार संहिता खत्म होगी। उसी दिन दीपावली है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म होगा। इसी के मद्देनजर नीतीश की अगुआई में नई सरकार छठ के बाद 20 नवंबर को शपथ ले सकती है। जनता दल (यूनाइटेड) के एक नेता ने कहा, “नीतीश कुमार के साथ 36 सदस्यीय कैबिनेट छठ पर्व के बाद शपथ ग्रहण करेगा।” महागठबंधन के नेताओं के मुताबिक, कैबिनेट में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से 16 मंत्री, जद (यू) से 15 मंत्री व कांग्रेस से पांच मंत्री होंगे। उल्लेखनीय है कि छठ बिहार का सबसे लोकप्रिय त्योहार है।
इस बीच कांग्रेस ने संकेत किया कि वह बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो सकती है। बिहार सरकार में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता सीपी जोशी ने कहा कि जब हम कहते हैं कि हमने बिहार के लोगों से वादा किया है, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि सात सूत्री कार्यक्रम लागू किया जाए।
नेशनल
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा, ‘आप’ से गठबंधन के थे खिलाफ
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में उन सभी बातों का जिक्र किया है जिसके खिलाफ थे। उन्होंने ये भी बताया है कि वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन के खिलाफ थे।
पिछले काफी दिनों से अरविंदर सिंह लवली प्रदेश कार्यालय भी नहीं आ रहे थे, वह चाहते थे कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान को टिकट मिले लेकिन ऐसा न होने पर वे नाराज बताए जा रहे थे। वहीं अब अपने इस्तीफे में लवली ने पार्टी से नाराजगी की अहम वजह आम आदमी पार्टी से गठबंधन भी बताया है।
अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा कि दिल्ली कांग्रेस उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
अपने इस्तीफे में अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार (कन्हैया कुमार) पार्टी लाइन और मान्यताओं का खंडन करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा कर रहे हैं और मीडिया में बयान दे रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के नागरिकों की पीड़ा को न देखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली क्षेत्र में किए गए कथित कार्यों को लेकर आप के झूठे प्रचार का समर्थन किया। लवली ने स्पष्ट तौर पर कन्हैया कुमार के चुनाव प्रचार की आलोचना की है।
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