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प्रादेशिक

बिहारः मुख्य सचिव अरुण कुमार का कोरोना से निधन

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पटना। बिहार सरकार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। वह कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज चल रहा था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर दुख जताया है।

वे 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। मुख्य सचिव का पद संभालने से पहले वह बिहार के विकास आयुक्त थे। इसी साल उन्हें मुख्य सचिव बनाया गया था। जानकारी के मुताबिक, 15 अप्रैल को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली। कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निधन की खबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कैबिनेट के सहयोगियों ने शोक जताया।

बिहार आईएएस एसोसिएशन ने भी मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निधन पर शोक जताया है। एसोसिएशन ने ट्वीट करके कहा, ‘वह बिहार में कोरोना के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई कर रहे थे और उन्होंने बड़ा बलिदान दिया है, हमारी संवेदना उनके परिवार के साथ है।’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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