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हेल्थ

काम के दौरान लेते रहें ब्रेक, तनाव से बचेंगे

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नई दिल्ली| तनाव से बचने के लिए अपने दफ्तर में काम करने के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर बाद ‘ब्रेक’ लेते रहें। यानी थोड़ा टहलें और हल्का नाश्ता और चाय या कॉफी लें, फिर काम में लगें। ऐसा आठ घंटे के दौरान दो या तीन बार करें। तनाव आपके पास नहीं आएगा। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा संतुलित आहार लें जो शरीर की कार्यप्रणाली को बनाए रखने के लिए उचित पोषण प्रदान करें। कार्बोहाइड्रेट्स के लिए सफेद ब्रेड के बजाय ब्राउन ब्रेड, विटामिन-सी के लिए संतरे और नींबू तथा मैग्निशियम के लिए पालक का प्रयोग करें। सेहतमंद आहार और उचित नींद शरीर में सेरोटोनिन रायन पैदा करने में मदद करता है, जिससे तनाव कम होता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. ए. मरतड पिल्लई और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहा कहना है कि संतुलित मानसिक स्तर और सेहतमंद जीवनशैली हो तो डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियों और मोटापे से बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत खानपान की गैरसेहतमंद आदतों, आलसी जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, तंबाकू और शराब के सेवन से ग्रस्त है। अब वक्त आ गया है कि इस ट्रेंड को वापिस मोड़ा जाए और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जाएं। जीवनशैली में साधारण बदलाव करके इसे आसानी से किया जा सकता है।

डॉ. पिल्लई और डॉ. अग्रवाल ने कहा, हमें धूम्रपान और शराब के सेवन जैसी बीमारियों से तौबा करने का प्रण करना चाहिए। उच्च मात्रा में ट्रांस फैट, सोडियम और रिफाइंड शूगर वाली चीजों के खानपान को कम करना चाहिए। हमें शुद्धतावादी नजरिए को अपना कर तनाव से बचना चाहिए और गुस्से व नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए। अगर बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाएं। जीवनशैली से जुड़ी ज्यादातर समस्याएं रोके जा सकती हैं और उनका इलाज भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग सोचते हैं कि धूम्रपान से तनाव कम होता है, जो कि एक बहुत बड़ा मिथक है। ज्यादा धूम्रपान से ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन बढ़ती है और दिमाग को ऑक्सीजन की सप्लाई कम होती है। बीमारी रहित जीवन के लिए आपको धूम्रपान तुरंत छोड़ देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शराब समाज में पाए जानी वाली सबसे खतरनाक बुराई है। यह कई तरह की बीमारियों का कारण बनती है। यह दिल के रोगों को और गंभीर बना सकती है और लीवर की खराबी का कारण बनती है। यह मोटापे और तनाव को भी बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि हर रोज व्यायाम करें, जिसमें 5 मिनट की तेज कदम सैर और 10 मिनट तक स्ट्रेचिंग करें। नियमित व्यायाम से तनाव और मोटापे पर भी नियंत्रण रहता है।

 

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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