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..तो 13 साल की बच्ची का मां बनना तय!

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आर. जयन 

लखनऊ| उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिले के एक गांव में सात माह पूर्व दुष्कर्म की शिकार हुई तेरह साल की एक बच्ची का मां बनना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के डॉक्टरों का पैनल उसका गर्भपात करने से इनकार कर चुका है।

घटना करीब सात माह पुरानी है, बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र के मुजफ्फरपुर गांव के मजरा नेवला सरकंडा में एक नाबालिग लड़के ने कक्षा पांच में पढ़ने वाली छात्रा के साथ 17 फरवरी को उस समय दुष्कर्म किया था, जब वह पूजा कर रात में मंदिर से लौट रही थी। रास्ते में हुई वारदात की जानकारी उसने अपने परिजनों को नहीं दी, लेकिन जुलाई में पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर के यहां जाने पर उसके गर्भवती होने की पुष्टि होने पर उसने सच्चाई बता दी थी। इलाकाई पुलिस ने आठ जुलाई को पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

इधर, पीड़िता के पिता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर कर बेटी के गर्भपात कराने की इजाजत मांगी। अदालत ने कुछ शर्तो के आधार पर इजाजत तो दे दी, लेकिन गुरुवार को किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के डॉक्टरों के एक पैनल ने पीड़िता की जांच करने के बाद यह कह कर गर्भपात करने से इनकार कर दिया कि गर्भपात पांच माह की प्रेग्नेंसी में ही हो सकता है, इस समय गर्भस्थ शिशु साढ़े सात माह का है, इसलिए शिशु को प्रसव कराकर ही जीवित निकालना पड़ेगा।”

किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी. जैसवार का कहना है कि बच्ची की उम्र अभी 13 साल की है, वह खुद बहुत छोटी है। अभी उसके शरीर का संपूर्ण विकास नहीं हुआ है। प्रसव के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। पीड़िता के साथ गर्भस्थ शिशु की सेहत ठीक है, इस समय प्रसव कराने पर शिशु प्री-मैच्योर होगा।

डॉ. जैसवार का कहना है कि तीन डॉक्टरों के पैनल की रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश की जाएगी, आगे की कार्रवाई अदालत के आदेश पर निर्भर है।

कुल मिलाकर उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ अगर चिकित्सकों के पैनल की रिपोर्ट पर सहमत होती है तो 13 साल की इस दुष्कर्म पीड़िता को न चाहते हुए भी ‘मां’ बनना होगा। पीड़िता अपनी याचिका में पहले ही कह चुकी है कि बच्चे के जन्म लेने से वह जिंदगी भर कलंक झेलती रहेगी।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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