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बरेली सेन्ट्रल जेल से छिन गई करोड़ो की जमीन

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बरेली सेन्ट्रल जेल, छिन गई करोड़ो की जमीन, लखनऊ, कारागार प्रशासन, सहकारी आदर्श समिति

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आदर्श सहकारी अवासीय समिति ने दावे के बाद न्यायालय से लिया कब्जा
राकेश यादव
लखनऊ। कारागार प्रशासन के अधिकारियों की हीला हवाली एवं लपरवाही से बरेली सेन्ट्रल जेल के करोड़ो रूपये की जमीन पर एक सहकारी आदर्श समिति ने कब्जा कर लिया। करीब डेढ़ सौ साल से इस जमीन पर सेन्ट्रल जेल का कब्जा था। करोड़ो रूपये की जमीन चली जाने के बाद अब विभागीय अधिकारी इस गम्भीर प्रकरण की जांच कराये जाने और दोषी  अफसरो के खिलाफ कार्रवाई की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ रहे है।
बरेली एवं आस पास के जनपदो के सजायाफ्ता कैदियों को रखने के लिये केन्द्रीय कारागार बरेली बनी हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक बरेली सेन्ट्रल जेल अंग्रेजो के समय से चल रही है। वर्ष 1848 से इस जेल का संचालन प्रारम्भ हुआ था। प्रदेश की प्राचीन जेलों मे शुमार की जाने वाली केन्द्रीय कारागार बरेली का निर्माण 189 एकड जमीन मे हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक इस जमीन मे करीब सौ एकड पर कृषि कार्य के लिये उपलब्ध है।

इस भूमि के 32 एकड भूमि पर जेल  प्रषासन की ओर से बृहद स्तर पर वृक्षारोपण कराया गया है। एवं शेष बची हुई भूमि पर कैदियों के माध्यम से साग सब्जी का उत्पादन करया जाता है । सूत्रों का कहना है कि बीते दिनों केन्दीय कारागार बरेली परिसर की कृषि योग्य भूमि जिसमें वर्तमान समय मे बडी संख्या मे पेड लगे हुये है पर बरेली की सहकारी आदर्श समिति ने इस जमीन का समिति का होने का दावा सौपा। समिति के लोगों ने इस जमीन को अपना बताते हुये जिला प्रशासन के अधिकारियों से साठ गाठ करके इस भूमि की पैमाइस कराई और न्यायालय मे लम्बी कानूनी लडाई लडने के बाद पिछले दिनो इसका कब्जा तक ले लिया।

कानून के जानकारों का कहना है कि 1848 से जेल के कब्जे मे रही यह जमीन का विवाद पिछले काफी दिनों से चला आ रहा है। वर्ष 2007-2008 मे जिला प्रशासन एवं न्यायालय ने इस जमीन का जेल का होने का भी प्रमाण पत्र दिया था। इस प्रमाण के बावजूद जेल प्रशासन की लापरवाही से एक समिति ने  करोड़ों रूपये की जमीन जेल से छीन ली।

उधर एडीजी पुलिस और प्रभारी महानिरक्षक कारागार देवेन्द्र सिंह चैहान ने केन्द्रीय कारागार बरेली के हिस्से की कुछ जमीन समित के दिये जाने की पुष्टि करते  बताया कि इसमें जिला प्रशासन की साठगांठ एवं जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह  से जेल प्रशासन की जमीन चली गई है। उन्होने बताया कि इसकी जांच एडीजी कारागार प्रशासन से कराई जा रही है। जांच मे दोषी पाये जाने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जायेगी।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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