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अन्तर्राष्ट्रीय

सीपीसी की नानजिंग इकाई के पूर्व प्रमुख पार्टी से निष्कासित

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बीजिंग। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) नानजिंग इकाई के प्रमुख यांग वीज को पद से हटा दिया गया है और उन्हें सीपीसी से निष्कासित कर दिया गया है। सीपीसी के केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि यह मामला न्यायिक अधिकारियों को सौंप दिया गया है।

बयान के मुताबिक, जांच में पता चला कि यांग ने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया है और उन्होंने कुछ निजी मामले छुपा लिए जिनके बारे में प्रशासन को बता देना चाहिए था। उन्होंने नकदी उपहार स्वीकार कर ईमानदारी और आत्मानुशासन के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया तथा दूसरों के हितों के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। उनके साथ विशेष संबंध रखने वाले कुछ पक्षों ने भारी धनराशि स्वीकार की है।

यांग ने सीपीसी के मितव्ययिता नियमों का भी गंभीर उल्लंघन किया है।बयान के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों की नियुक्ति और चुनाव प्रक्रिया और कंपनी के संचालन के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है। इसके बदले उन्होंने भारी भरकम रिश्वत भी ली है।

बयान में कहा गया है कि वर्ष 2012 के अंत में सीपीसी के 18वें राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद भी पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के रूप में यांग ने खुद को अनुशासित करने और अपने गलत कार्यो को रोकने का इरादा व्यक्त नहीं किया। जबकि इसी अधिवेशन में पार्टी के नए नेतृत्व ने भ्रष्टाचार रोधी एक अभियान शुरू किया था।

सुप्रीम पीपुल्स प्रोक्यूरेटरेट (एसएसपी) ने शुक्रवार को कहा कि कथित रिश्वत स्वीकारने के मामले में यांग के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है, और उन्हें कार्रवाई के दायरे में ले लिया गया है, जिसमें तलब किया जाना, घर पर निगरानी, हिरासत और गिरफ्तारी शामिल है। सीसीडीआई ने जनवरी में घोषणा की थी कि पार्टी अनुशासन और नियमों के संदिग्ध गंभीर उल्लंघन के लिए यांग के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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