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नेशनल

पूर्व राष्ट्रपति का अंतिम संस्कार आज

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रामेश्वरम। देश के ‘मिसाइल मैन’ और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अंतिम यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं। डॉ. कलाम को सुपुदृ-खाक गुरूवार को रामेश्वर में किया जाएगा।डॉ. कलम का अंतिम संस्कार पुरे राजकीय सामान के साथ सुब्ह 11 बजे उनके गॉंव किया जाएगा, जिसमे बड़ी तदाद में लोगो के पहुचने की उम्मीद हैं। कलाम का 27 जुलाई को मेघालय की राजधानी शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत काफी मंत्री कलम को अंतिम श्रंदांजलि देने के लिए पहुचंगे।

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही कई केंद्रीय मंत्री और कम से कम तीन मुख्यमंत्री गुरुवार को अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और राधाकृष्णन पार्थि‍व शरीर के साथ रामेश्वरम गए हैं.

अधिक उम्र होने के बावजूद युवाओं के आदर्श कलाम का पार्थिव शरीर विशेष नमाज के लिए मस्जिद में रखा जाएगा। बाद में इसे उस स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां कलाम को सुपुर्द-ए-खाक किया जाना है।केंद्रीय संसदीय कार्य मामलों के मंत्री एम.वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पहले ही यहां मौजूद हैं।
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही कई केंद्रीय मंत्री और कम से कम तीन मुख्यमंत्री अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और राधाकृष्णन पार्थि‍व शरीर के साथ रामेश्वरम गए हैं.
पूर्व राष्ट्रपति के बड़े भाई के पोते ए.पी.जे.एम.के. शेख सलीम ने बताया, “हमारे सभी रिश्तेदार अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं।”कलाम के सम्मान में सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। स्कूल, कॉलेज, बैंक आदि सरकारी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। सरकार ने शराब की दुकानों और बार को भी बंद कर दिया है।

कलाम के सम्मानस्वरूप यहां करीब 30,000 आभूषण की दुकानें भी बंद रहेंगी और पेट्रोल पंपों पर सुबह 10-11 के बीच ही पेट्रोल मिलेंगे। सिनेमाघर के मालिकों ने भी इसे बंद रखने का निर्णय लिया है। वहीं, मछुआरों ने भी गुरुवार को समुद्र में नहीं उतरने का फैसला किया है।निजी क्षेत्रों ने बंद का फैसला स्वत: लिया है, जिससे स्पष्ट है कि कलाम वास्तव में ‘जनता के राष्ट्रपति’ थे।

 

नेशनल

कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस

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लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका काफी समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। उनकी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे।

वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे।

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