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संसद में गतिरोध तोड़ने को सरकार खेलेगी ‘दलित कार्ड’

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नई दिल्ली। संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अपने तुरुप का पत्ता खेलने की योजना बना रही है। सरकार अनुसूचित जातियों के सशक्तीकरण और आरक्षण संबंधी लंबित दो विधेयक पेश करेगी। जाहिर है, विपक्ष इसकी अनदेखी नहीं कर पाएगा। सरकार की रणनीति को लेकर राय है कि इस कदम से न सिर्फ विपक्ष बंट जाएगा, बल्कि विधानसभा चुनाव वाले राज्य बिहार में राजग को दलितों का समर्थन मिलेगा।

सूत्रों ने कहा कि सरकार अगले सप्ताह विधेयक (संविधान के 117वें संशोधन विधेयक) 2012 लाने की योजना बना रही है, जिसका लक्ष्य पदोन्नति में कोटा उपलब्ध कराना है तथा दूसरा अनुसूचित जाति तथा जनजाति से संबंधित है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस लंबित विधयेक पर एससी/एसटी सांसदों से चर्चा कर सहमति बनाने के निर्देश दिए हैं। 117वां संविधान संशोधन विधेयक एससी/एसटी को राज्य सरकार की नौकरी व पदोन्नति में कोटा उपलब्ध कराता है। इसे वर्ष 2012 में राज्यसभा में पारित किया गया था। उस वक्त कांग्रेस नीत संप्रग सत्ता में था। हालांकि समाजवादी पार्टी (सपा) के विरोध के कारण इसे लोकसभा में पारित नहीं कराया जा सका था।

सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के एक सदस्य अमर शंकर साबले ने मोदी को संशोधन विधेयक पर एक प्रस्तुतिकरण दिया था, जिससे प्रभावित मोदी ने नायडू को निर्देश दिया कि वह जेटली तथा राजनाथ के साथ इस विधेयक पर चर्चा करें। तीनों नेताओं के बीच शुक्रवार को बैठक होने की संभावना थी, लेकिन अंतिम क्षण में यह रद्द हो गया। सूत्रों का कहना है कि इस विषय पर जल्द चर्चा की जाएगी। लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक अर्जुन राम मेघवाल ने भी एससी/एसटी सांसदों के साथ बैठक कर उनकी राय जानने का सुझाव दिया है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अगर सरकार इन विधेयकों के साथ आती है, तो कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अन्य पार्टियों के लिए सदन की कार्यवाही को बाधित करना आसान नहीं होगा। अगर वे गतिरोध जारी रखना चाहते हैं, तो भाजपा उनके रवैये को दलित विरोधी बताने की स्थिति में होगी।” सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और बसपा इस विधेयक पर सहयोग को तैयार है। विपक्ष इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ संबंधों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहा है।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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