अन्तर्राष्ट्रीय
नार्वे में जनसंहार के दोषी ने किया सरकार पर मुकदमा
ओस्लो| नार्वे में जनसंहार को अंजाम देने वाले एक सजायाफ्ता कैदी एंडर्स बेहरिंग ब्रीविक ने सरकार के खिलाफ अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर मुकदमा किया है। उसका कहना है कि उसे जेल में सबसे अलग-थलग रखकर मानसिक यातना दी जा रही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, बेहरिंग के वकील ओयिस्टीन स्टोरविक ने कहा, “हमने इस संबंध में ओस्लो की जिला अदालत को कानूनी पत्र सौंपे हैं। मुकदमे की मुख्य वजह मेरे मुवक्किल को अलग-थलग रखा जाना है।
स्टोरविक का कहना है कि उनके मुवक्किल बेहरिंग के साथ जेल में अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
बेहरिंग को नार्वे में अति सुरक्षा वाली जेल में रखा गया है, जहां वह जेल के किसी दूसरे कैदी के साथ संपर्क नहीं कर सकता। उससे मिलने वालों पर भी नियंत्रण है।
स्टोरविक ने कहा, “मेरे मुवक्किल का संपर्क दुनिया के अन्य हिस्सों से काट दिया गया है। उसे मिलने वाले पत्रों पर भी नियंत्रण रखा जाता है।”
बेहरिंग के वकील ने हालांकि उसे अमानवीय परिस्थतियों में रखने का आरोप लगाया है, लेकिन नार्वे की सरकार का कहना है कि उसे यूरोपीय कानूनों के मुताबिक ही जेल में रखा गया है।
बेहरिंग (33) ने 22 जुलाई, 2011 को उटोया द्वीप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर 69 लोगों को मार दिया था, जहां सत्तारूढ़ लेबर पार्टी के युवा सदस्य वार्षिक ग्रीष्मकालीन कैम्प के लिए एकत्र हुए थे।
ओस्लो की जिला अदालत ने वर्ष 2012 में उसे इस मामले में 21 साल कैद की सजा सुनाई थी।
गौरतबल है कि नार्वे के कानून में मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान नहीं है। यहां अधिकतम सजा 21 साल कैद की दी जा सकती है, जो बेहरिंग को दी गई है। हालांकि जिन कैदियों से समाज को खतरा हो सकता है, उन्हें अनिश्चितकाल तक जेल में रखे जाने का प्रावधान है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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