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प्रादेशिक

लालू अब न जात के नेता हैं और न जमात के : रामविलास

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पटना,केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी,राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान,लालू प्रसाद,जनता दल (युनाइटेड)

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पटना | केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि लालू प्रसाद अब न जात के नेता रह गए हैं और न जमात के। दिल्ली से पटना पहुंचे पासवान ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार एक ताड़ के पेड़ की तरह हैं, जो किसी को छाया नहीं दे सकते।”

पासवान ने लालू पर तंज कसते हुए कहा कि जनता दल (युनाइटेड) अभी भी लालू को अछूत मानती है, तभी राजधानी में लगे नीतीश कुमार के किसी पोस्टर में लालू की तस्वीर नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार नारों के साथ कितना भी पोस्टर लगवा लें, लेकिन वे मुख्यमंत्री तो दूर, मुखिया भी नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में पुलिस की मौजूदगी में जिस तरह से एक स्कूल के निदेशक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, इससे राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति समझी जा सकती है।

नेशनल

खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा

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देहरादून। केदारनाथ धाम के कपाट आज से खुल गए हैं। तय मुहूर्त के अनुसार, विधि-विधान और धार्मिक परंपरा के मुताबिक केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग, प्रशासन, बीकेटीसी अधिकारी और स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट को खोल दिया गया। सीएम धामी खुद केदारनाथ धाम में मौजूद रहे। केदारनाथ आए तीर्थयात्रियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

दर्शन के लिए यहां मंदिर समिति ने कुछ खास इंतजाम किए हैं। मंदिर के कपाट लगभग 13 से 15 घंटे तक खुले रहेंगे इस बीच भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं। सुबह शिवलिंग को स्नान कराकर घी से अभिषेक करने के बाद दीयों और मंत्र जाप के साथ आरती की जाएगी। भक्त आरती में शामिल होने और दर्शन करने के लिए सुबह गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं।

दोपहर एक से दो बजे तक एक विशेष पूजा होती है जिसके बाद मंदिर के पट विश्राम के लिए बंद कर दिए जाते हैं। शाम पांच बजे मंदिर के कपाट एक बार फिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाते हैं। शाम 07:30 बजे से 08:30 बजे तक एक विशेष आरती होती है, जिसके दौरान भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार किया जाता है। भक्तगण केवल दूर से इसका दर्शन ही कर सकते हैं।

केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल 2024 से ही शुरु हो चुके हैं जिसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 3 मई को बंद कर दिए गए हैं लेकिन 8 मई से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भक्तों के लिए शुरू कर दी गई हैं। जो लोग चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं वह हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

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