अन्तर्राष्ट्रीय
भारत, चीन सीमा विवाद का जल्द समाधान निकालेंगे
बीजिंग | भारत और चीन ने शुक्रवार को कहा कि सीमा विवाद के शीघ्र निपटारे को रणनीतिक उद्देश्य के रूप में लिया जाना चाहिए, क्योंकि दोनों ही पक्ष इस विवादित मुद्दे का कोई राजनीतिक समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग के बीच हुई वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने कहा है कि उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों के तंत्र के माध्यम से हुई महत्वपूर्ण प्रगति का सकारात्मक आकलन किया है और इसके साथ ही दोनों पक्षों ने सीमा विवाद के समाधान के लिए त्रिस्तरीय प्रक्रिया के पालन के प्रति बचनबद्धता दोहराई। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने इस मुद्दे के यथासंभव जल्द से जल्द निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान के प्रयास में अब हासिल हुए परिणामों पर आधारित एक सीमा समाधान की कार्ययोजना पर बातचीत को लगातार आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
संयुक्त बयान में कहा गया है, “दोनों पक्ष सीमा विवाद सहित सभी लंबित मतभेदों को सक्रियता के साथ सुलझाएंगे।” दोनों पक्षों ने कहा है कि उनके मतभेदों को सतत विकास और द्विपक्षीय संबंधों के बीच आड़े नहीं आना चाहिए। भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहाद्र्र को द्विपक्षीय संबंधों के विकास और उनकी सतत वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण गारंटर माना गया है। संयुक्त बयान में कहा गया है, “चूंकि सीमा विवाद का समाधान अभी लंबित है, लिहाजा दोनों पक्ष सीमावर्ती इलाकों में शांति और सौहाद्र्र बनाए रखने के प्रयास जारी रखने और मौजूदा समझौतों के क्रियान्वयन के प्रति बचनबद्ध हैं।” बयान में कहा गया है, “दोनों पक्ष सीमा रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए बचनबद्ध हैं और इसके लिए वे एक-दूसरे के सैन्य मुख्यालयों और पड़ोसी सैन्य कमानों के बीच वार्षिक तौर पर दौरे और आदान-प्रदान जारी रखेंगे। दोनों सैन्य मुख्यालयों के बीच हॉटलाइन स्थापित की जाएगी, सीमा कमांडरों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाया जाएगा और भारत-चीन सीमा से लगे इलाकों में सभी सेक्टरों में सीमाकर्मियों की मुलाकात के केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
बयान के मुताबिक, “दोनों पक्षों ने कहा है कि संवर्धित सैन्य संबंध, आपसी विश्वास और आत्मविश्वास निर्माण के लिए उचित है। भारत ने इस साल चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष के भारत दौरे का स्वागत किया और चीन ने इस साल भारत के रक्षा मंत्री और अन्य सैन्य अधिकारियों को अपने देश में आमंत्रित किया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पांचवा संयुक्त आंतकवाद विरोधी प्रशिक्षण 2015 में चीन में आयोजित होगा।” दोनों पक्ष द्विपक्षीय कारोबार और निवेश के राह की बाधाएं हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर सहमत हुए हैं। एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं की बाजार तक पहुंच बनाने और कारोबार और निवेश को मजबूती देने के लिए दोनों देशों की स्थानीय सरकारों को सहायता देने पर भी सहमति बनी है।
भारत के नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सहअध्यक्षता और चीन के एनडीआरसी की अध्यक्षता में रणनीतिक आर्थिक वार्ता बैठक 2015 की दूसरी छमाही के दौरान भारत में आयोजित होगी। दोनों पक्षों ने भारत-चीन थिंक टैंक फोरम की स्थापना करने का फैसला किया है, जिसका वार्षिक स्तर पर आयोजन किया जाएगा। दोनों देश आरआईसी, ब्रिक्स और जी-20 सहित बहुपक्षीय मंचों में समन्वय और सहयोग को सशक्त करने पर सहमत हो गए हैं। 2016 में जी-20 सम्मेलन का संचालन करने के लिए भारत चीन की मदद करेगा।
चीन ने शंघाई सहयोग संगठन की पूर्ण सदस्यता के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया। दोनों देशों ने एशिया के इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश बैंक के संचालन में तेजी लाने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों ने बांग्लादेश, चीन, भारत और म्यांमार आर्थिक गलियारे में सहयोग को बढ़ावा देने की पहल का स्वागत किया है। दोनों पक्षों में दक्षेस में व्यापक सहयोग देने पर सहमति बनी है।
अन्तर्राष्ट्रीय
इमरान खान का सनसनीखेज आरोप, कहा- पाक सेना रच रही मेरी हत्या की साजिश
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। इमरान खान ने कहा कि उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी होता है तो सीधे तौर पर सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे। इमरान ने दावा करते कहा है कि पाकिस्तान की सेना मेरी हत्या करवाना चाहती है।
इमरान खान ने कहा कि देश की स्थिति इतनी भयावह है कि उनके जैसा नेता जेल में बंद हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत जेल में रखा गया है। ब्रिटेन के ‘डेली टेलीग्राफ’ अखबार के लिए रावलपिंडी की अदियाला जेल से लिखे गए एक स्तंभ में क्रिकेटर से नेता बने 71-वर्षीय खान ने अपने पिछले दावे को दोहराया कि अगर उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी हुआ तो इसके लिए सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान ने कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा देश “खतरनाक चौराहे” पर है और सरकार “हंसी का पात्र” बन गई है। उन्होंने लिखा है, ‘‘सैन्य प्रतिष्ठान ने मेरे खिलाफ वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे। अब उनके लिए बस मेरी हत्या करना बाकी है।” उन्होंने कॉलम में लिखा है, ‘‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर मुझे या मेरी पत्नी (बुशरा बीबी) को कुछ भी होता है, तो जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे, लेकिन मैं डरता नहीं हूं, क्योंकि मेरा विश्वास मजबूत है। मैं गुलामी के बजाय मौत को प्राथमिकता दूंगा।’’ इमरान खान ने चेतावनी दी कि देश उसी रास्ते पर चल रहा है, जिस पर वह 1971 में चला था, जब उसने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) खो दिया था।
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