अन्तर्राष्ट्रीय
मिशन चंद्रयान-3: भारत इतिहास रचने के बेहद करीब, जानें लैंडिंग पर कितनी होगी स्पीड
नई दिल्ली। भारत का चंद्र मिशन आज इतिहास रचने के लिए तैयार है। इसरो (ISRO) के चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम आज शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। सफल लैंडिंग होने पर भारत धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश होगा।
लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से वाले मॉड्यूल के बुधवार को शाम 6 बजकर 04 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। हालांकि, चंद्रमा पर लैंडिंग में चुनौतियां कम नहीं हैं। सॉफ्ट-लैंडिंग की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को इसरो अधिकारियों सहित कई लोगों ने ’17 मिनट का खौफ’ करार दिया है।
- लैंडर मॉड्यूल पर अपलोड होगी कमांड
लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया स्वायत्त (Autonomous) होगी। इसके तहत लैंडर को अपने इंजन को सही समय और उचित ऊंचाई पर चालू करना होगा। उसे सही मात्रा में फ्यूल का उपयोग करना होगा। आखिर में उसे नीचे उतरने से पहले यह पता लगाना होगा कि किसी प्रकार की बाधा या पहाड़ी क्षेत्र या गड्ढा नहीं हो।
सभी मापदंडों की जांच करने और लैंडिंग का निर्णय लेना होगा। इसके बाद इसरो बेंगलुरु के निकट बयालालू में अपने भारतीय गहन अंतरिक्ष नेटवर्क (आईडीएसएन) से निर्धारित समय पर लैंडिंग से कुछ घंटे पहले सभी आवश्यक कमांड लैंडर मॉड्यूल पर अपलोड करेगा।
- 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ब्रेकिंग फेज
इसरो के अधिकारियों के अनुसार, लैंडिंग के लिए, लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर पावर ब्रेकिंग चरण में प्रवेश करेगा। इसके बाद अपने चार थ्रस्टर इंजन को ‘रेट्रो फायर’ करके गति को धीरे-धीरे कम करके चंद्रमा की सतह तक पहुंचना शुरू करेगा। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लैंडर दुर्घटनाग्रस्त न हो, क्योंकि इसमें चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी काम करता है।
इसरो के अधिकारियों के अनुसार चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण को देखते हुए कि लगभग 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर, केवल दो इंजन का यूज किया जाएगा। अन्य दो को बंद कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य लैंडर को ‘रिवर्स थ्रस्ट’ देना होता है।
- सतह की स्कैन के बाद सॉफ्ट लैंडिंग
लगभग 150-100 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर लैंडर अपने सेंसर और कैमरों का यूज करके सतह को स्कैन करेगा। इससे यह जांचा जा सके कि कोई बाधा तो नहीं है। इसके बाद वह सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए नीचे उतरना शुरू करेगा। लैंडिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा लैंडर की स्पीड को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से अंतिम लैंडिंग तक कम करने की प्रक्रिया और अंतरिक्ष यान को क्षैतिज (Horizontal)से लंबवत (Vertical) करने की क्षमता होगी।
- लैंडिंग पर कितनी होगी स्पीड
लैंडिंग प्रक्रिया की शुरुआत में गति लगभग 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड होती है। लेकिन (इस गति पर) (लैंडर) चंद्रमा की सतह पर क्षैतिज (Horizontal) होगा। चंद्रयान-3 यहां लगभग 90 डिग्री झुका हुआ है। इसे लंबवत (Vertical) होना होगा। यह पूरी प्रक्रिया गणितीय रूप से एक बहुत ही दिलचस्प गणना होती है। इसरो ने इसके लिए बहुत अभ्यास किए हैं। यहीं पर चंद्रयान-2 को पिछली बार दिक्कत हुई थी। सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद, रोवर अपने एक साइड पैनल का उपयोग करके लैंडर के अंतर से चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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