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अन्तर्राष्ट्रीय

चंद्रयान-3: जोहान्सबर्ग से जुड़ेंगे PM मोदी, भारत ही नहीं विदेशों में भी हो रही पूजा-अर्चना

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Chandrayaan-3 PM Modi will join from Johannesburg

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जोहान्सबर्ग। चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर सभी भारतीय में उत्सुकता है। देश भर में चंद्रयान के सॉफ्ट लैंडिंग की दुआएं की जा रही हैं। साथ ही, चंद्रयान-3 की लैंडिंग के प्रयास से पहले दुनिया भर से शुभकामनाएं आ रही हैं।

लंदन के उक्सब्रिज में भारतीय छात्रों और शोध विद्वानों ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए आद्या शक्ति माताजी मंदिर में एक विशेष प्रार्थना का आयोजन किया। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए भारतवंशियों के सदस्यों ने अमेरिका के वर्जीनिया में एक मंदिर में हवन किया।

दूसरी ओर, इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। वे ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग की आधिकारिक यात्रा पर हैं, लेकिन वे वहां से वर्चुअली इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, “प्रधानमंत्री चंद्रयान लैंडिंग के दौरान इसरो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे।” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का तीसरा चंद्र मिशन, चंद्रयान-3, बुधवार शाम लगभग 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला है। यदि लैंडर, लैंडिंग में सफल रहता है, तो यह पहली बार होगा कि किसी अंतरिक्ष यान ने इस क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग की हो।

देश के कई राज्यों में की गई पूजा-अर्चना

वहीं अगर भारत की बात करें तो देशभर में लोग हवन और दुआएं कर रहे हैं। भारत के तीसरे चंद्र मिशन के समापन क्षण से पहले ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर गंगा आरती की गई।

चंद्रयान-3 लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए भुवनेश्वर, वाराणसी और प्रयागराज में लोगों ने ‘हवन’ किया और प्रार्थना की। वडोदरा के बच्चों के एक समूह ने भी चंद्रयान-3 की सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रार्थना की। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में लोगों ने नमाज अदा की।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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