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अन्तर्राष्ट्रीय

इस्लामाबाद पहुंचे चीनी राष्ट्रपति

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इस्लामाबाद| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पाकिस्तान के अपने पहले दौरे पर सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचे। समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाईट के मुताबिक यह नौ साल के लंबे अंतराल के बाद किसी चीनी राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा है।

पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, आर्मी स्टाफ प्रमुख (सीओएएस) जनरल रहील शरीफ, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल सदस्यों ने नूरखान हवाई अड्डे पर चीनी राष्ट्रपति की अगवानी की।

जिनपिंग का पाकिस्तान दौरा काफी महत्पूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दौरे में 45 अरब डॉलर की ‘पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा (पीसीईसी)’ परियोजना के लिए लगभग 28 अरब डॉलर की पहली किस्त जारी कर सकते हैं।

इस दौरान जिनपिंग के स्वागत में कंस्टीट्यूशन एवेन्यू में चारों ओर दोनों देशों के लहराते झंडे और ‘पाकिस्तान-चीन की दोस्ती जिंदाबाद’ के नारे वाले बैनर दिखे।

सूत्रों के मुताबकि, दोनों देश सीपीईसी के दायरे में निर्माण, ऊर्जा और संचार क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं से जुड़े लगभग 50 अरब डॉलर के समझौतों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

जिनपिंग को पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से सम्मानित किया जाएगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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