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मुलायम सिंह यादव की सेहत अब भी नाजुक, दी जा रही CRRT थेरेपी
गुरुग्राम (हरियाणा)। उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सेहत नाजुक बनी हुई है। मुलायम की क्रिएटनिन लेवल बार-बार बढ़ता जा रहा है। उन्हें एडवांस CRRT सपोर्ट पर रखा गया है। बताया जा रहा है कि उनकी सेहत कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल ने बुधवार को उनका हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि वह इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती हैं और विशेषज्ञों की टीम उनके इलाज में जुटी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत शिवपाल यादव व सपा के कई नेता व समर्थक वहां मौजूद हैं।
मंगलवार को उन्हें सीसीयू से निकाल कर आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। मुलायम सिंह को निम्न रक्तचाप और सांस लेने में तकलीफ के कारण पहले भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह यादव को देखने बुधवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पहुंचे। लालू के साथ उनके छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी थे।
क्या है CRRT थेरेपी
मुलायम सिंह यादव के किडनी में इंफेक्शन फैल गया है। उनके शरीर में क्रिएटनिन लेवल बार-बार अनियंत्रित हो रहा है। ऐसे में सामान्य डायलिसिस के बजाए उन्हें एडवांस CRRT थेरेपी सपोर्ट पर रखा गया है। यह थेरेपी किडनी खराब होने पर सामान्य डायलिसिस के इलाज से बेहतर होती है।
मरीज के शॉक में होने पर डायलिसिस के बजाय CRRT मशीन का इस्तेमाल बेहतर रहता है, जो काफी एडवांस टेक्नॉलजी है। कन्टिन्यूअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (CRRT) मशीन आईसीयू में मरीज को लगा दी जाती है।
नॉर्मल डायलिसिस मशीन एक मिनट में 500 एमएल ब्लड लेती है, वहीं CRRT मशीन से ब्लड की खपत कम होती है। सामान्य डायलिसिस 2 से 4 घण्टे में होती है, जबकि CCRT लगातार चलती रहती है। इससे शरीर में क्रिएटनिन का लेवल बनाए रखने में ज्यादा मदद मिलती है, साथ ही किडनी के रिकवरी के चांस भी बढ़ जाते हैं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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