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मुलायम सिंह यादव की तबीयत और बिगड़ी, दी जा रही जीवन रक्षक दवाएं
गुरुग्राम (हरियाणा)। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती सपा संस्थापक और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तबीयत रविवार को और बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है और जीवन रक्षक दवाएं दी जा रही हैं। विशेषज्ञ वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।
मेदांता अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजीव गुप्ता ने रविवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुलायम सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया है। उन्हें लगातार जीवन रक्षक दवाएं दी जा रही हैं।
बता दें कि, 82 वर्षीय सपा नेता मुलायम सिंह बीते अगस्त महीने से मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं और उनका यहां लंबे समय से इलाज चल रहा है। पिछले रविवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया।
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मुलायम सिंह वह वर्तमान में मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद हैं। 22 नवंबर, 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव उप्र के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया। वे 10 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं।
इससे पहले, इसी साल जुलाई महीने में सपा के पूर्व मुखिया की पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया था। फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं। उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया। मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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