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महाराष्ट्र में सियासी दशहरा, शिंदे का तंज- जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे’

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दशहरा

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मुंबई। देश भर में आज दशहरा मनाया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में ‘सियासी दशहरा’ चल रहा है। शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट शिवाजी पार्क में रैली की तैयारियां कर रहा है तो एकनाथ शिंदे समूह की भी तैयारी जोरों पर है। इस बीच बयानबाजी की भी जोरों पर है।

एकनाथ शिंदे ने रैली से ठीक पहले कविता के जरिए उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है। उन्होंने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन जो लिखा है, उससे लग रहा है कि उन्होंने ठाकरे फैमिली के परिवारवाद पर अटैक किया है। उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियां ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे।’

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एक और ट्वीट उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के विचारों को देश और धर्म की रक्षा के लिए अहम बताते हुए लोगों से बीकेसी मैदान पर जुटने का आह्वान किया था। इसी मैदान पर एकनाथ शिंदे गुट दशहरा रैली करने का जा रहा है।

एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, ‘विकास की यात्रा में ईश्वर, देश और धर्म की रक्षा के लिए बालासाहेब के विचार महत्वपूर्ण हैं। आइए आज हम सबका कल्याण करने का संकल्प लें। बीकेसी मैदान पर श्री बालासाहेब के विचारों का संकल्प लेने के लिए एकजुट हों। सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं।’

इस बीच कयास यह भी लग रहे हैं कि एकनाथ शिंदे रैली में कुछ बड़े खुलासे कर सकते हैं। माना जा रहा है कि जनसभा में वे तीन प्रमुख मुद्दे उठाएंगे। गौरतलब है कि शिवसेना के 56 सालों के इतिहास में पहली बार पार्टी के दो गुटों की अलग-अलग रैलियां हो रही हैं। इससे पहले नारायण राणे, छगन भुजबल और राज ठाकरे जैसे नेताओं ने पार्टी से बगावत की थी, लेकिन वह लड़ाई को इस हद तक नहीं ले गए थे।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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