Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

दुनिया भर में हो रही पीएम मोदी की तारीफ़, पुतिन को पढ़ाया था शांति का पाठ

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाना दुनिया के बड़े व शक्तिशाली देशों को भा गया। इन देशों ने पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की है। बता दें पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान एक द्विपक्षीय वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ”आज युद्ध का युग नहीं है।”

अब कई पश्चिमी देशों ने इसके लिए पीएम मोदी की सराहना की है। सबसे पहले अमेरिका का बयान सामने आया था। वहां की मीडिया में भी प्रधानमंत्री ने खूब सुर्खियां बटोरीं। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी बड़े देशों के नेता भारत और पीएम मोदी की सराहना कर रहे हैं। महासभा के इस सत्र में दुनियाभर के नेताओं ने हिस्सा लिया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रतिनिधि ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का वक्त नहीं है और उनकी यह बात एकदम सही थी।

मैक्रों ने अपने संबोधन में कहा, ”भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है। यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें।”

उन्होंने कहा, ”इसीलिए उत्तर और दक्षिण के बीच नए समझौतों की सख्त जरूरत है। एक ऐसा समझौता, जो खाद्यान्न, शिक्षा और जैव विविधता के क्षेत्र में हो। यह सोच को सीमित करने का नहीं, बल्कि साझा हितों के लिए खास कार्रवाई करने के वास्ते गठबंधन बनाने का है।”

अमेरिका ने की मोदी की तारीफ

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह बयान सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान था, जिसे वह सही मानते हैं।

एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी के बयान पर एक सवाल के जवाब में सुलिवन ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह सही और न्यायपूर्ण है। उनकी ओर से सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान है। इसका बहुत स्वागत किया गया।”

उन्होंने आगे कहा कि यह युद्ध समाप्त होना चाहिए। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल शर्तों का उल्लंघन है। यूक्रेन को उन क्षेत्रों को वापस करना चाहिए है जिन्हें रूस ने बलपूर्वक जब्त कर लिया था।

पुतिन से क्या बोले थे PM मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि ”आज युद्ध का युग नहीं है।” इसके अलावा, मोदी कई बार पुतिन से फोन पर युद्ध के संबंध में बातचीत कर चुके हैं। इस दौरान वह लोकतंत्र, कूटनीति और बातचीत के महत्व के रेखांकित कर चुके हैं।

इस पर पुतिन ने मोदी से कहा था कि वह ‘यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर अपनी स्थिति और उन चितांओ के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, जिनके संबंध में मोदी अक्सर बात करते हैं।’ पुतिन ने कहा था, ”हम इसे यथाशीघ्र रोकने की कोशिश करेंगे।”

अमेरिकी मीडिया ने भी की तारीफ

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के लिए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा उनकी खूब प्रशंसा की गई थी।

सीएनएन ने दुनिया की राजनीति पर पीएम मोदी की पकड़ की प्रशंसा की। उसने कहा, “भारतीय नेता नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा: अब युद्ध का समय नहीं है।”

वहीं, एक अन्य अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट का शीर्षक था, “मोदी ने यूक्रेन में युद्ध पर पुतिन को फटकार लगाई।”

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने शीर्षक में कहा, “भारत के नेता ने पुतिन से कहा कि अब युद्ध का युग नहीं है।” द वाशिंगटन पोस्ट और द न्यूयॉर्क टाइम्स दोनों के वेबपेज पर यह मुख्य खबर रही।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending