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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस ने की बर्बरता की सारी हदें पार, बूचा में लगा लाशों का अंबार, रूसी सेना ने किया ‘नरसंघार’

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रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 40वां दिन है और इस भीषण युद्ध में रूसी सेना की बर्बरता अब दुन‍िया के सामने एक-एक करके आ रही है। यूक्रेन की राजधानी कीव से सटे बूचा इलाके पर रूसी सेना ने फिर से कब्‍जा कर लिया है और यहां पर 410 शव मिले हैं। यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि बूचा में रूसी सेना के चेचेन लड़ाकुओं ने ‘नरसंहार’ किया है। हालत यह थी कि इस इलाके में जब कई दिनों के बाद यूक्रेन की सेना दोबारा घुसी तो उसे सड़कों पर हर तरफ लाशें ही लाशें दिखाई दीं। इन लाशों के हाथ पीछे से बंधे हुए थे जिससे माना जा रहा कि उन्‍हें प्रताड़‍ित करके गोली मारी गई थी। रूस ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन बूचा से आ रही तस्‍वीरें दिल को दहला देती हैं।

Israel envoy to Ukraine says killing of civilians in Bucha unjustifiable  'war crime' | The Times of Israel

बूचा में इतनी ज्‍यादा लाशें मिल रही हैं कि उन्‍हें दफनाने के लिए 45 फुट लंबा गड्ढा खोदना पड़ा है। बूचा में कई महिलाओं के बिना कपड़ों के शव मिले हैं जिससे उनके साथ हैवानियत की आशंका भी जताई जा रही है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदमयर जेलेंस्‍की के एक सहयोगी ने कहा कि यूक्रेन की सेना को ऐसी महिलाओं के शव मिले हैं जिनके साथ रेप किया गया था। उन्‍होंने कहा कि बूचा में मिले शवों पर यातना देने के निशान मिले हैं। उनके हाथ पीछे की ओर बंधे हुए थे। उन्‍हें पीछे से गोली मारी गई थी। जेलेंस्‍की के प्रवक्‍ता ने कहा कि यह युद्धापराध की तरह से दिखाई दे रहा है।

Ukraine revealed chilling images of the massacre perpetrated by Russia in  Bucha - Infobae

‘बूचा में सैकड़ों की तादाद में आम नागरिक मारे गए’

Ukraine On Mass Graves Found Near Kyiv - Deliberate Massacre

उधर, यूरोप के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भी रूस के संभावित युद्धापराध की जांच की मांग की है। यूरोपीय यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने कहा कि मैं रूसी सेना की ओर से की गई क्रूरता को देखकर स्‍तब्‍ध हूं। यूरोपीय यूनियन यूक्रेन को युद्धापराधों का दस्‍तावेजीकरण करने में मदद करेगा ताकि अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में रूस के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। रूस ने बूचा में इस बर्बरता का खंडन किया है और कहा है कि उसने किसी आम नागरिक को नहीं मारा है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सेना ने बूचा से पीछे हटने से ठीक पहले इन हत्‍याओं को अंजाम दिया। बूचा राजधानी कीव से 37 किमी दूर है और यह करीब 1 महीने तक चेचेन लड़ाकुओं के नियंत्रण में था।

UNSC convenes to discuss Bucha 'massacre'. What actually happened in the  Ukrainian city? - The Week

बूचा में कई शव अभी भी सड़कों पर पड़े हुए हैं और चर्च में एक सामूहिक कब्र में सैंकड़ों लोगों को दफनाया गया है। यूक्रेन के गृहमंत्री ने कहा है कि यह स्‍पष्‍ट है कि बूचा में सैकड़ों की तादाद में आम नागरिक मारे गए हैं। हालांकि उन्‍होंने ठीक-ठीक संख्‍या नहीं बताई। इस बीच यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियर ने घोषणा की है कि हफ्तों की लड़ाई के बाद पूरे कीव क्षेत्र को रूस की सेना से मुक्त करा लिया गया है। मंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘इरपिन, बुका, होस्टोमेल और बाकी कीव क्षेत्र को रूस से मुक्त कर दिया गया है।’

Dead bodies pile up in Bucha as Ukraine demands new Russia sanctions over ' massacre' - CNA

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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