अन्तर्राष्ट्रीय
रूस की खुली चेतावनी- यूक्रेन ने ऐसा किया तो Third World War निश्चित
मास्को/कीव। रूस यूक्रेन युद्ध (russia ukraine war) पिछले सात महीने से अधिक समय से जारी है। क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल पर हुए अटैक के बाद रूस ने रणनीति में बदलाव किया है और यूक्रेन पर जबरदस्त बमबारी की है। उधर, यूक्रेन भी रूस पर कई पलटवार कर चुका है।
इस बीच, रशियन सिक्योरिटी काउंसिल के एक अधिकारी ने एक बयान देकर चौंका दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर यूक्रेन अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो मिलिट्री अलायंस का हिस्सा बनता है तो फिर यह घटनाक्रम निश्चित तौर पर थर्ड वर्ल्ड वॉर (Third World War) की ओर ले जाएगा। रूस की खुली चेतावनी के बाद दुनियाभर में दहशत बढ़ना लाज़मी है।
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा 30 सितंबर को औपचारिक रूप से यूक्रेन के 18% तक के कब्जे की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो की फास्ट-ट्रैक सदस्यता पर बात कही।
हालांकि, यूक्रेन के लिए पूरी तरह से नाटो की सदस्यता हासिल करना अभी दूर की कौड़ी है, क्योंकि गठबंधन के सभी 30 सदस्यों को अपनी सहमति देनी होगी। TASS ने रूस की सुरक्षा परिषद के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव के हवाले से कहा, “कीव अच्छी तरह से जानता है कि इस तरह के कदम का मतलब तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) की गारंटी होगी।”
सभी देशों पर होगा असर, परिणम विनाशकारी होंगे
वेनेडिक्टोव ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि परमाणु संघर्ष पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा- न केवल रूस और सामूहिक पश्चिम, बल्कि इस धरती के सभी देश पर इसका असर होगा। परिणाम सभी मानव जाति के लिए विनाशकारी होंगे।
वेनेडिक्टोव, जो सुरक्षा परिषद के सचिव और पुतिन के एक शक्तिशाली सहयोगी, निकोलाई पेत्रुशेव के डिप्टी हैं, ने कहा कि उन्हें लगता है कि यूक्रेन का आवेदन दुष्प्रचार था क्योंकि पश्चिम ने नाटो की यूक्रेनी सदस्यता के परिणामों को समझा। इस तरह के कदम की आत्मघाती प्रकृति को नाटो के सदस्य खुद समझते हैं।
बाइडेन बोले- दुनिया कर रही बड़े जोखिम का सामना
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो के पूर्व की ओर विस्तार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के खिलाफ बार-बार बोला है, विशेष रूप से यूक्रेन और जॉर्जिया जैसे पूर्व सोवियत गणराज्यों के लिए, जिसे रूस अपने प्रभाव क्षेत्र के हिस्से के रूप में मानता है।
21 सितंबर को पुतिन ने पश्चिम को चेतावनी दी थी कि वह झांसा नहीं दे रहा है, जब उसने कहा कि वह रूस की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार होगा।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से दुनिया परमाणु हमले को लेकर सबसे बड़े जोखिम का सामना कर रही है। नाटो अगले सप्ताह ‘स्टीडफास्ट नून’ नामक वार्षिक परमाणु तैयारी अभ्यास आयोजित करने वाला है। रूस और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां हैं। दोनों दुनिया के लगभग 90% परमाणु हथियारों को नियंत्रित करते हैं।
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अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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