अन्तर्राष्ट्रीय
खतरे में इमरान खान की कुर्सी, कौन बन सकता है पाकिस्तान का प्रधानमंत्री? जानिए टॉप दावेदार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है. वह नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं. रविवार को वोटिंग के साथ ही साफ हो जाएगा कि इमरान खान पीएम पद पर बने रहेंगे या उनकी जगह कोई और सत्ता पर काबिज होगा.
गुरुवार को देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने साफ कर दिया वह इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक लड़ेंगे. इमरान खान को कुर्सी बचाने के लिए 342 में 172 वोटों की जरूरत होगी. हालांकि विपक्ष का दावा है कि उसे 175 सांसदों का समर्थन प्राप्त है और प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. अब ऐसे में सवाल है कि इमरान खान अगर पीएम पद से हटते हैं तो उनकी जगह कौन लेगा. यहां हम आपको इस पद के शीर्ष तीन दावेदार के बारे में बताने जा रहे हैं.
शहबाज शरीफ-
पंजाब प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के सह-अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने शीर्ष पद के लिए नामित किया है.
शहबाज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. इमरान खान ने उनपर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की साझेदारी और समर्थन में साजिश रचकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की साजिश रचने, योजना बनाने का आरोप लगाया है. शरीफ ढाई दशक से अधिक समय से राजनीति में हैं और उन्होंने तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है जो उन्हें प्रांत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाला बनाता है.
सितंबर 2020 में, शरीफ को पाकिस्तान के NAB ने 30 मिलियन पाउंड से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. हालांकि, शहबाज के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप उनकी संभावनाओं को खराब कर सकते हैं.
मरियम नवाज-
नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शहबाज शरीफ से इजाजत लेकर 2012 में राजनीति में आई थीं. वह इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार की आलोचना करती रही हैं और उन्होंने लगातार पीएम के खिलाफ हमले का नेतृत्व किया है. मरियम ने इमरान से सरकार में रहने के लिए समय मांगने के बजाय कुछ “आत्म-सम्मान” दिखाने और इस्तीफा देने के लिए कहा. जुलाई 2018 में उन्हें एवेनफील्ड संदर्भ मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों में जुर्माने के साथ सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि 19 सितंबर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी.
बिलावल भुट्टो-
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं. उन्होंने इमरान खान पर अविश्वास प्रस्ताव से भागने का आरोप लगाया है.
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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