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दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को एनसीबी ने किया अरेस्ट

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नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को एनसीबी ने ड्रग्स सप्लाई मामले में हिरासत में लिया है। बता दें कि कुछ दिन पहले एनसीबी ने चरस के दो कंसाइनमेंट पकड़े थे, जिसमें करीब 25 किलोग्राम चरस पकड़े गए थे।

जांच के दौरान इसमें अंडरवर्ल्ड के जुड़ होने की आशंका जताई गई है और इसी वजह से एनसीबी ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया है।

इसी मामले में आगे की जांच के दौरान ही एनसीबी को अंडरवर्ल्ड के तार मिले। इसी वजह से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की कस्टडी एनसीबी ने ली है। इकबाल को कुछ समय मे एनसीबी के ऑफिस में लाया जाएगा। मामले की जांच के दौरान एनसीबी को टेरर फंडिंग और ड्रग्स की सप्लाई के लिए अंडरवर्ल्ड कनेक्शन से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे थे।

इसके आधार पर एनसीबी ने मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और चरस की सप्लाई के कनेक्शन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर से मिले जिसके बिनाह पर ठाणे जेल में बंद इकबाल कासकर की एनसीबी ने रिमांड ली है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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