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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी का कोरोना से निधन

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुण शुक्ला का कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से निधन हो गया। मंगलवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। 70 वर्षीया करुणा शुक्ला भाजपा के टिकट पर 2 बार सांसद रह चुकी थीं।

इसके बाद साल 2013 में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। बताया जाता है कि बीजेपी की ओर से विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट न मिलने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया था। साल 2018 में करुणा शुक्ला ने राज्य के पूर्व सीएम रमन सिंह के खिलाफ राजनंदगांव से पर्चा भरा था, लेकिन वह मुकाबले में हार गई थीं।

करुणा शुक्ला के निधन पर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दुख जताया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि करुणा शुक्ला से उनके पारिवारिक संबंध थे। बघेल के अलावा कई अन्य दिग्गज कांग्रेसियों ने भी करुणा शुक्ला के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

इसके अलावा 2018 में करुणा शुक्ला के मुकाबले उतरने वाले रमन सिंह ने भी पूर्व प्रतिद्वंद्वी के निधन पर दुख जताया है। भले ही करुणा शुक्ला कांग्रेस में शामिल हो गई थीं, लेकिन उनकी पहचान पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के चलते ही थी। करुणा शुक्ला लंबे अरसे तक बीजेपी में रही थीं।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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