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नेशनल

अटल बिहारी वाजपेयी की ये कविता सुनकर आज भी बौखला जाता है पाकिस्तान

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आज (16 अगस्त) पुण्यतिथि है।

साल 2018 में लंबी बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया था। दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में उन्होंने अंतिम सांस ली थी।

अटल एक कुशल राजनीतिज्ञ तो थे ही साथ वह दिग्गज कवि भी थे। पत्रकारिता से राजनीति में आए अटल बिहारी वाजपेयी ने कई मशहूर कविताएं लिखीं।

जिनमें से एक कविता उन्होंने ऐसी लिखी जो आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। अटल ने ये कविता पाकिस्तान को लेकर लिखी थी जो आज भी भुलाये नहीं भूलती है।

इस कविता में अटल ने ना सिर्फ पाकिस्तान को धोया है बल्कि सारी दुनिया के सामने पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब भी किया है।

इस कविता के जरिए उन्होंने पाकिस्तान की नापाक हरकतों और उसे समर्थन देने वाले देशों को जमकर कोसा। उनकी ये कविता सोशल मीडिया पर खासी लोकप्रिय है जिसे लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं।

एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते, पर स्वतंत्रता भारत का मस्तक नहीं झुकेगा।

अगणित बलिदानों से अर्जित यह स्वतंत्रता, अश्रु स्वेद शोणित से सिंचित यह स्वतन्त्रता।
त्याग तेज तपबल से रक्षित यह स्वतंत्रता, दु:खी मनुजता के हित अर्पित यह स्वतन्त्रता।

इसे मिटाने की साजिश करने वालों से कह दो, चिंगारी का खेल बुरा होता है।
औरों के घर आग लगाने का जो सपना, वो अपने ही घर में सदा खरा होता है।

अपने ही हाथों तुम अपनी कब्र ना खोदो, अपने पैरों आप कुल्हाड़ी नहीं चलाओ।
ओ नादान पड़ोसी अपनी आंखे खोलो, आजादी अनमोल ना इसका मोल लगाओ।

पर तुम क्या जानो आजादी क्या होती है? तुम्हें मुफ्त में मिली न कीमत गई चुकाई।
अंग्रेजों के बल पर दो टुकड़े पाए हैं, मां को खंडित करते तुमको लाज ना आई ?

अमेरिकी शस्त्रों से अपनी आजादी को दुनिया में कायम रख लोगे, यह मत समझो।
दस बीस अरब डॉलर लेकर आने वाली बरबादी से तुम बच लोगे यह मत समझो।

धमकी, जिहाद के नारों से, हथियारों से कश्मीर कभी हथिया लोगे यह मत समझो।
हमलों से, अत्याचारों से, संहारों से भारत का शीष झुका लोगे यह मत समझो।

जब तक गंगा मे धार, सिंधु मे ज्वार, अग्नि में जलन, सूर्य में तपन शेष,
स्वातंत्र्य समर की वेदी पर अर्पित होंगे अगणित जीवन यौवन अशेष।

अमेरिका क्या संसार भले ही हो विरुद्ध, काश्मीर पर भारत का सर नही झुकेगा
एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते, पर स्वतंत्र भारत का निश्चय नहीं रुकेगा।

नेशनल

दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा, ‘आप’ से गठबंधन के थे खिलाफ

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नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में उन सभी बातों का जिक्र किया है जिसके खिलाफ थे। उन्होंने ये भी बताया है कि वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन के खिलाफ थे।

पिछले काफी दिनों से अरविंदर सिंह लवली प्रदेश कार्यालय भी नहीं आ रहे थे, वह चाहते थे कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान को टिकट मिले लेकिन ऐसा न होने पर वे नाराज बताए जा रहे थे। वहीं अब अपने इस्तीफे में लवली ने पार्टी से नाराजगी की अहम वजह आम आदमी पार्टी से गठबंधन भी बताया है।

अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा कि दिल्ली कांग्रेस उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

अपने इस्तीफे में अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार (कन्हैया कुमार) पार्टी लाइन और मान्यताओं का खंडन करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा कर रहे हैं और मीडिया में बयान दे रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के नागरिकों की पीड़ा को न देखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली क्षेत्र में किए गए कथित कार्यों को लेकर आप के झूठे प्रचार का समर्थन किया। लवली ने स्पष्ट तौर पर कन्हैया कुमार के चुनाव प्रचार की आलोचना की है।

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