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सौरव गांगुली ने की राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात, बीजेपी में शामिल होने की अटकलें
कोलकाता। बीसीसीआई के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रविवार को राजभवन जाकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। ये मुलाकात करीब एक घंटे चली। सूत्रों ने बताया कि यह शिष्टाचार भेंट थी और इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। हालांकि गांगुली की इस मुलाकात के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में कानाफूसी तेज हो गई है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सौरव गांगुली का राज्यपाल से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि वो चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक, गांगुली शाम करीब चार बजकर 40 मिनट पर राजभवन पहुंचे थे। उनकी राज्यपाल धनखड़ से मुलाकात तकरीबन 5 बजकर 40 मिनट तक चली। हालांकि राजभवन ने यह स्पष्ट किया है कि गांगुली की राज्यपाल से भेंट राजनीतिक न होकर केवल शिष्टाचार मुलाकात है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि कई अन्य भारतीय क्रिकेटरों की तरह गांगुली भी बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में अपना राजनीतिक करियर शुरू कर सकते हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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