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उपराष्ट्रपति चुनाव: पीएम मोदी ने किया मतदान, आज ही होगी वोटों की गिनती
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए संसद भवन में वोटिंग जारी है। पीएम मोदी ने भी संसद भवन पहुंचकर मतदान किया। वोटों की गिनती आज ही होगी और अगले उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी NDA ने उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है। मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। भारत में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं।
कौन करते हैं वोट
उपराष्ट्रपति के चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं। इस चुनाव में मनोनीत सदस्य भी हिस्सा लेते हैं। चुनाव में कुल 788 वोट डाले जा सकते है। इसमें लोकसभा के 543 सांसद और राज्यसभा 243 सदस्य वोट करते हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्यों में 12 मनोनीत सांसद भी वोटिंग में शामिल होते हैं।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव
उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के तहत होता है। इसमें मतदान खास तरह से होता है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में जितने सदस्यों के वोट पड़ते हैं, उसकी संख्या में 2 से भाग देते हैं और फिर उसमें एक जोड़ दिया जाता है।
मान लीजिए की चुनाव में कुल 787 सदस्यों ने वोट डाल तो इसे 2 से भाग देंगे 393.50 आता है। इसमें 0.50 को हटा देंगे क्योकि दशमलव की बाद की संख्या नहीं गिनी जाती है। इसलिए यह संख्या 393 हुई। अब इसमें 1 जोड़ने पर संख्या 394 होता है। चुनाव जीतने के लिए 394 वोट मिलना जरूरी है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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