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कुछ राजनीतिक दल भोले-भाले किसानों को भ्रमित कर माहौल खराब कर रहे: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कुछ राजनीतिक दल भोले-भाले किसानों को भ्रमित कर वातावरण खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। योगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कृषि संबंधी सुधारों से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों के माध्यम से पिछले 6 वर्षों में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। किन्तु देश के कुछ राजनीतिक दल भोले-भाले किसानों को भ्रमित कर वातावरण खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। यूपीए सरकार में कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों ने किसानों को हमेशा हथियार बनाया लेकिन किसान हित में कोई भी कदम उठाने में सदैव संकोच करते रहे। यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।

योगी ने कहा कि यह दल आज भी भोले-भाले किसानों के कंधों पर बंदूक रख कर देश में अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। मूल्यों व आदर्शों के बगैर राजनीति कभी जन विश्वास का प्रतीक नहीं बन सकती है। वह सभी राजनीतिक दल, जिन्होंने कृषि संबंधी सुधार के इस महत्वपूर्ण कदम का सत्ता में रहते हुए समर्थन किया था, अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो का हिस्सा बनाया था, आज उसका विरोध कर जन विश्वास पर कुठाराघात कर रहे हैं। श्री मुलायम सिंह जी ने 2019 में कृषि से संबंधित स्टैंडिंग कमेटी में एपीएमसी मॉडल एक्ट में संशोधन को “किसान हितैषी” बताते हुए उसका समर्थन किया था। फिर आज यह राजनीतिक दल भारत बंद का समर्थन किस मुंह से कर रहे हैं, इसका जवाब इन्हें देश की जनता को देना होगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत बंद का समर्थन कर अराजकता फैलाने वाले कांग्रेस समेत अनेक दल यह बताएं कि वर्ष 2010-11 के दौरान जिस यूपीए सरकार ने APMC एक्ट में व्यापक संशोधन की वकालत की थी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इससे संबंधित पत्र लिखे थे, आखिर उस समय उन्होंने यूपीए सरकार का समर्थन क्यों किया था? जब देश कोरोना के खिलाफ महत्वपूर्ण लड़ाई को पूरी मजबूती के साथ लड़ रहा है। उस समय विपक्ष द्वारा भोले-भाले किसानों को गुमराह कर कोरोना विरुद्ध समर को कमजोर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। आमजन के जीवन और स्वास्थ्य से खिलवाड़ का यह प्रयास कतई स्वीकार्य नहीं होगा।

नेशनल

आकाश आनंद को पद से हटाने पर बोले अखिलेश- चाहे कुछ ले बसपा, एक भी सीट नहीं आने वाली

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार रात अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने ‘उत्तराधिकारी’ और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। बीएसपी सुप्रीमो ने पिछले साल दिसंबर में आकाश आनंद को अपना ‘उत्तराधिकारी’ घोषित किया था। मायावती ने कहा कि पार्टी और आंदोलन के हित में और आनंद के ‘पूर्ण परिपक्वता’ हासिल करने तक उन्होंने यह निर्णय लिया है।

अब इसपर अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, ‘बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है। सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।

उधर बीएसपी चीफ मायावती ने आकाश आनंद की सभी रैलियां कैंसिल कर दी हैं। बता दें कि आकाश आनंद की लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 सभाएं लगाई गई थी लेकिन वह केवल 16 सभा ही कर सके। 28 अप्रैल को आकाश आनंद की सीतापुर के बाद लखनऊ के मोहनलालगंज , हरदोई में जनसभा थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई रैलियां प्रस्तावित थी जिसमे सुल्तानपुर, श्रावस्ती,कुशीनगर , रॉबर्ट्सगंज,गोंडा शामिल थे। सीतापुर की जनसभा के बाद आकाश आनंद के कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।

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