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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोनाः भारत के इन दो पड़ोसी देशों में तबाही नहीं मचा सका वायरस, 10 से भी कम हैं मरीज

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस भारत में तेजी से अपने पांव पसार रहा है। यहां अब तक कोरोना के 6 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि 199 लोग इस खतरनाक वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।

कोरोना पर काबू पाने के लिए इस समय भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है। 21 दिनों के बाद ताजा स्थिति को देखते हुए भारत सरकार इसके आगे कोई फैसला करेगी।

 

देश में कोरोना संक्रमण तेज रफ्तार से लोगों को अपनी चपेट मे ले रहा है लेकिन आज हम आपको दो ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारत के पड़ोसी हैं और वहां इस खतरनाक वायरस की उपस्थिति ना के बराबर है।

हम बात कर रहे हैं पड़ोसी देश भूटान और नेपाल की। ये दो देश भारत के पड़ोसी हैं जहां कोरोना के मामले 10 से भी कम हैं। जी हां सही सुना, ताजा आंकड़ों के मुताबिक नेपाल में अबतक कोरोना के 9 मामले सामने आए हैं जिसमें 1 मरीज ठीक हो चुका है जबकि भूटान में 5 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

इनमें 2 को अस्पताल में छुट्टी मिल चुकी है। गौरतलब है कि चीन से वुहान शहर से निकलकर कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा है। हर रोज हजारों की संख्या में यह वायरस लोगों की जान ले रहा है। फिलहाल हर देश इस खतरनाक वायरस की काट ढूंढने में लगे हैं लेकिन फिलहाल किसी भी देश के हाथ सफलता नहीं लगी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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