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इमरान खान को भारत आने का न्योता देने की तैयारी में मोदी सरकार, ये है वजह

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस साल भारत दौरा पर आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार पाक पीएम इमरान खान को न्योता भेजने की तैयारी में है।

दरअसल, इस साल के आखिर में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मेजबानी भारत करेगा, लिहाजा सदस्य देश के राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मोदी सरकार इमरान खान को भी इस समिट में शामिल होने के लिए न्योता भेजेगी। दोनों देशों के बीच कई वर्षों से चल रहे तनाव के बीच यह पहला मौका होगा जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आएंगे।

भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आम तौर पर राष्ट्राध्यक्षों के प्रमुखों की बैठक में शिरकत करते हैं, जबकि दोनों देशों की सरकारों के प्रमुखों की मीटिंग में विदेश मंत्री या किसी दूसरे कैबिनेट मंत्री को जिम्मेदारी दी जाती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान की तरफ से SCO समिट में कौन आता है।

साल 2001 में चीन के शहर शंघाई में एससीओ की नींव पड़ी थी। इस संगठन में रूस, चीन, कीर्गिस्‍तान, कजाख्‍स्‍तानख्‍ तजाकिस्‍तान और उजबेकिस्‍तान जैसे देश शामिल हैं।

इस संगठन का मकसद आतंकवाद को रोकना और आर्थिक व सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाना था। हालांकि, भारत और पाकिस्तान को इस संगठन में काफी देरी से एंट्री मिली। साल 2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को एक साथ इस संगठन के सदस्यों में शामिल किया।

जून 2019 में बिश्केक में हुए SCO समिट में पीएम मोदी पहुंचे थे और उन्होंने यहां आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की थी। पीएम मोदी ने अपने भाषण में सदस्यों देशों से आह्वान किया था कि आतंकवाद के मुद्दे पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बुलानी होगी और आतंकवाद का सफाया करने के लिए सबको एक होने की जरूरत है।

इस साल SCO समिट के लिए भारत को मौका मिला है। हाल ही में SCO के महासचिव व्लादिमीर नोरोव भारत दौरे पर थे, जिन्होंने समिट की तैयारियों का जायजा लिया।

नेशनल

अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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