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मोदी सरकार ने दी केंद्रीय कर्मचारियों को खुशियों की सौगात, पांच दिन पहले मिलेगी सैलरी

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नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को सितंबर महीने की सैलरी पांच दिन पहले मिल जाएगी। जी हां आपने बिलकुल सही सुना, वित्त मंत्रालय के जारी आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के खाते में 25 सितंबर तक इस महीने का वेतन आ जाएगा। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है कि चालू वित्तीय वर्ष में सरकारी कर्मचारियों के पांच दिन पहले वेतन मिल हो।

इस वजह से पहले मिलेगा वेतन

26 और सितंबर को बैंक की हड़ताल की वजह से वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों को 5 दिन पहले वेतन देने का आदेश जारी किया है। दरअसल, बैंक यूनियन ने 26 और 27 सितंबर को हड़ताल करने की घोषणा कर दी है।

इसके बाद 28 सितंबर को शनिवार है और 29 सितंबर को रविवार है। 30 सितंबर को बैंकों का क्लोजिंग डे बताया गया है, इस दिन सामान्य कामकाज बंद रहता है।

पहले दो दिन बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे, तो अगले दो दिन शनिवार और रविवार को छुट्टी रहेगी। केवल 30 तारीख को ही बैंक खुलेंगे, लेकिन उस दिन भी क्लोजिंग डे होने की वजह से सामान्य कामकाज नहीं होगा।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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