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सैलरी पर पड़ेगी जीएसटी की मार, नौकरीपेशा लोगों को लगेगा झटका!

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नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। आपकी सैलरी पर भी वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की मार पड़ सकती है।

मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार जीएसटी के चलते देशभर की कंपनियां अपने कर्मचारियों के सैलरी पैकेज में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही हैं। यह बदलाव कंपनियां इसलिए कर रही हैं ताकि जीएसटी का बोझ किसी भी तरह से उन पर न पड़े। बदलाव के बाद बोझ नौकरीपेशा लोगों पर पड़ेगा।

विशेषज्ञों के मुताबिक, वेतन में मिलने वाले किराए, मेडिकल बीमा, ट्रांसपोर्टेशन और फोन किराए के तहत मिलने वाला लाभ अब जीएसटी के दायरे में आ जाएगा। इससे कर्मचारी की सैलरी का ब्रेकअप कंपनियों पर भारी पड़ेगा। इस स्थिति से निपटने के लिए कंपनियां अपने कर्मियों के सैलरी पैकेज में बदलाव की तैयारी में हैं।

टैक्स जानकारों ने कंपनियों को सलाह दी है कि वह अपने एचआर डिपार्टमेंट को कर्मचारी के सैलरी ब्रेकअप को नए सिरे से समझने के लिए कहे। गौरतलब है कि अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने एक मामले में फैसला दिया कि कंपनियों द्वारा कैंटीन चार्जेस के कर्मचारियों से वसूला जाने वाला चार्ज भी जीएसटी के दायरे में आएगा। इन सुविधाओं पर यदि जीएसटी लगता है तो कंपनियां अपनी टैक्स देनदारी बचाने के लिए नए सैलरी ब्रेकअप पर काम करेंगी और यह राशि कर्मचारियों से वसूलेंगी। इसका सीधा असर कर्मचारी के पैकेज पर पड़ेगा।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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