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भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का वार, जबरन रिटायर किए गए 22 अधिकारी

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर स्वच्छता अभियान जारी है। इसी कड़ी में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के 20 से अधिक सीनियर अधिकारियों को जबरन रिटायर (Compulsory Retirement)  कर दिया है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीबीआई  ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। जबरन रिटारय किए गए अधिकारियों में सुपरिटेंडेंट और एओ के अधिकारी भी शामिल हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने यह कदम फंडामेंटल रूल 56 (J) के तहत उठाया है।

यह पहला मौका नहीं है जब मोदी सरकार ने अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। इसी साल जून में   केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने फंडामेंटल रूल के तहत 15 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था।

ये अधिकारी CBIC के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त रैंक के थे। इनमें से ज्यादातर के खिलाफ भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही टैक्स विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया था। यानी अब तक कुल 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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