Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

Live: सपा-बसपा में हुआ महागठबंधन, ये है सीटों का नया फॉर्मूला!

Published

on

Loading

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

दोनों इस महागठबंधन की औपचारिक घोषणा आज यानि शनिवार को लखनऊ के होटल ताज में करेंगे। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और मायावती के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमती बन गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा 37 तो वहीं बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने वाली सपा ने अब इस बार राहुल की पार्टी से किनारा कर लिया है।

यूपी में बन रहे इस सियासी समीकरण ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस नए महागठबंधन की बीजेपी क्या काट निकालती है।

नेशनल

इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

Published

on

Loading

इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

Continue Reading

Trending