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जम्मू-कश्मीर में बाढ़, पीएम मोदी ने दिया हालात का जायजा लेने का निर्देश

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सालभर के भीतर एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है। राज्य की कश्मीर घाटी में पिछले चार दिनों से भारी बारिश व बर्फबारी के कारण हालात खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके हैं। कश्मीर में झेलम नदी उफान पर है। संकटपूर्ण स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार को घाटी के बाढ़ से प्रभावित होने की घोषणा की। हालात खराब होने कारण लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। अधिकारी पहाड़ी जलधाराओं और झेलम नदी के जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं। घाटी में बाढ़ के मौजूदा हालात ने वर्ष 2014 में वहां आई बाढ़ की याद दिला दी है, जिसके कारण यहां भारी तबाही हुई थी और सैकड़ों लोगों की जान गई थी। कश्मीर में बाढ़ आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को राज्य में जाकर वहां हालात का जायजा लेने और बेमौसम बरसात से हुए किसानों के नुकसान का आकलन करने के लिए कहा है। वह सोमवार को कश्मीर जाएंगे और शाम तक पीएम को हालात की रिपोर्ट सौंपेंगे।

एक शीर्ष संभागीय प्रशासनिक नेता ने बताया कि सोमवार को अनंतनाग में संगम पर जलस्तर 22.8 फुट, श्रीनगर के राम मुंशीबाग पर 19 फुट और बांदीपोरा में अशिम पर 11.55 फुट दर्ज किया गया। सभी अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने और आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध रहने के आदेश दिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि झेलम नदी के तट पर बसे परिवारों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। श्रीनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों जैसे राजबाग, जवाहर नगर, गोगजीबाग, वजीर बाग सहित कई जगहों पर रहने वाले लोग रविवार शाम से ही सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।

रेजीडेंसी रोड और लाल चौक पर दुकान लगाने वाले व्यवसायियों को दुकान का माल और सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाते देखा गया। बीते साल (2014) सितंबर महीने में घाटी में आई भयंकर बाढ़ में भी ये इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे। घाटी में भारी वर्षा के कारण बीते दो दिनों में 80 से ज्यादा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंची है। घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को शनिवार को बंद कर दिया गया। जम्मू में अधिकारियों ने कहा कि राजमार्ग सोमवार को भी बंद रहेगा। ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर हिमस्खलन की भी आशंका को लेकर चेतावनी जारी की गई है। राज्य में सभी परीक्षाओं को तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। घाटी में अंतर-राज्य संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

श्रीनगर-गुलमर्ग, श्रीनगर-कुपवाड़ा और श्रीनगर-बांदीपोरा मार्गो को बाढ़ के कारण बंद करना पड़ा है। पुल और छोटी पुलिया बाढ़ में डूब चुके हैं। मौसम विभाग ने सोमवार के बाद मौसम में सुधार होने का पूर्वानुमान जताया है। स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि सोमवार के बाद से बारिश कम होगी। एक और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव राज्य में दो अप्रैल को हो सकता है, लेकिन वह मौजूदा विक्षोभ से कम प्रभावी होगा।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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