Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

कानपुर विश्वविद्यालय में दलितों-पिछड़ों के लिए ‘नो वेकैंसी’

Published

on

Loading

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा संविधान में प्रदत्त समाज के वंचित दलितों पिछड़ों को आरक्षण दिया गया है। लेकिन उसकी धज़्ज़ियाँ उड़ा रही हैं कुलपति और रजिस्ट्रार। हाल ही में कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफ़ेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की वेकैंसी आई है। देश के कई अखबारों में ये विज्ञापन देखा जा सकता है। इसमें सभी पदों पर गैर आरक्षित पदों का जिक्र है। जबकि वर्ष 2016 में इन्ही पदों पर आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए वेकैंसी निकाली गई थी। किसी कारण वश उस समय यह भर्तियां नहीं हो पाई थी।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में निकली वेकैंसी का विज्ञापन

सूबे का निज़ाम बदला। कुलपति एवम रजिस्ट्रार भी बदल गए। कुलपति बदलते ही संघ की मानसिकता उजागर हो गई। पिछले विज्ञापन को खारिज़ करते हुए नया विज्ञापन जारी कर दिया गया। जिसे देखकर लगता है समाज के वंचित दलितों-पिछड़ों को प्रोफेसर बनने का हक छीना जा रहा है। मौजूदा कुलपति और रजिस्ट्रार “संघी ” मानसिकता के हैं। जो एक खास एजेंडे पर काम कर रहे हैं। क्या वो आरक्षित वर्ग के बेरोज़गारों को बताएंगे कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रहे हैं। आरक्षित श्रेणी के पद क्यों नहीं निकाले?

परसों ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने दलितों-पिछड़ों का आवाहन किया है कि भीख मांगने से अधिकार नहीं मिलता। जो आपको अधिकार न दे उसे थप्पड़ मार कर छीन लो। आखिर भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह जी को ऐसा बयान क्यों देना पड़ा? बयान से उनकी पीड़ा भी साफ दिख रही है।

इससे प्रतीत हो रहा है कि अब उनको भी लग रहा है कि आरक्षित वर्ग के बहुजन समाज के लोगों का हक हकूक छीना जा रहा है। देश की तमाम बड़ी—बड़ी कुर्सियों पर खास तबके के लोगों को बैठाया जा रहा है। अब न जागे तो देर हो जाएगी।

उत्तर प्रदेश

नोएडा: गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की पानी की टंकी में मिली महिला का लाश, पुलिस को पति पर हत्या का शक

Published

on

Loading

नोएडा उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध नगर विश्‍वविद्यालय की पानी की टंकी में एक महिला का शव मिलने से सनसनी फ़ैल गई है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम जांच में जुटी हुई है। शुरुआती जानकारी से पता चला है कि महिला का पति फरार है, जो विश्‍वविद्यालय के बगल में ही बने सरकारी अस्पताल जिम्स का कर्मचारी बताया जा रहा है। पुलिस को संदेह है कि पति ने ही पत्नी को मौत के घाट उतारा है।

कोतवाली ईकोटेक-1 क्षेत्र के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय परिसर में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कर्मचारियों का स्टाफ क्वार्टर है। उसी में रहने वाले ड्राइवर की पत्नी का शव मिला है। सोमवार देर रात करीब 11 बजे के आस-पास बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर बनी सीमेंट की पानी की टंकी के अंदर मिला है। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि दो महीने पहले ही दंपती यहां पर रहने के लिए आए थे। आशंका जताई जा रही है कि महिला की हत्या करने के बाद शव को पानी की टंकी में फेंक दिया गया। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड आर्डर) शिवहरि मीणा ने बताया कि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की छत पर बने सीमेंटेड पानी के टैंक एक महिला का शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई। महिला का पति विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। पड़ोसियों ने बताया कि रात में पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। वे अक्सर आपस में झगड़ते रहते थे। महिला का पति मौके से फरार है।

Continue Reading

Trending