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IAS की मौत पर उबाल, केंद्र बोला- राज्य चाहे तो सीबीआई जांच के लिए तैयार
बंगलुरु/नई दिल्ली। कर्नाटक में आईएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग को लेकर विपक्ष तथा मृतक के माता-पिता ने प्रदेश की राजधानी में विरोध-प्रदर्शन किया। विपक्ष द्वारा मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग को लेकर मचे हो-हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। कर्नाटक से भाजपा सदस्य प्रहलाद जोशी ने यह मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठाया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि राज्य सरकार चाहती है, तो केंद्र सरकार कर्नाटक के आईएएस के अधिकारी डीके रवि की मौत की जांच सीबीआई से कराने के लिए तैयार है।
उधर कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने भी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। डी.के.रवि की कथित खुदकुशी मामले की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा जारी हंगामे के मद्देनजर गुरुवार को सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा तथा जद (एस) सदस्यों ने बाद में प्रदेश के राज्यपाल वजुभाई वाला को राजभवन में एक ज्ञापन सौंपा और मामले की सीबीआई जांच के लिए उनसे हस्तक्षेप की मांग की। इसी बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शहर में विरोध-प्रदर्शन किया और संदिग्ध परिस्थितियों में रवि की मौत के मामले की सीबीआई से जांच की मांग की।
रवि के माता-पिता करियप्पा व गोवरामा ने भी राज्य सचिवालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया और अपने बेटे की त्रासदपूर्ण मौत की सीबीआई से जांच की मांग की। राज्य के वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त आयुक्त 36 वर्षीय डी.के.रवि 16 मार्च को अपने आधिकारिक आवास के कमरे में पंखे से फंदे पर लटके पाए गए थे। उनके शव को उनकी पत्नी कुसुमा ने तब देखा, जब कॉल का जवाब नहीं देने पर डुप्लीकेट चाबी से घर का दरवाजा खोलकर वह अंदर गईं। पुलिस ने रवि की मौत को प्रथमदृष्टया खुदकुशी का मामला बताया, क्योंकि मृतक के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा जनता दल-सेक्युलर द्वारा मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को खारिज करते हुए कांग्रेस सरकार ने जांच का जिम्मा आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया है। वहीं, लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजनाथ ने कहा, “यदि राज्य सरकार चाहे, तो हम सीबीआई से मामले की जांच कराने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि संसद सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला है और इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने भी घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने भी सीबीआई जांच की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की है और उन्होंने कहा है कि वह इस संदर्भ मंद कुछ दिनों में विस्तृत रपट भेजेंगे। यदि राज्य सरकार सीबीआई जांच चाहती है, तो उनकी ओर से इस बारे में प्रस्ताव मिलने के बाद हम सीबीआई जांच के लिए तैयार हैं।”
इस मुद्दे को लोकसभा में उठाते हुए प्रहलाद जोशी ने कहा, “हमने इस संदर्भ में राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया गया कि किस तरह वहां लोगों से बर्ताव किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “मैं घटना की सीबीआई जांच की मांग करता हूं। मृतक आईएएस अधिकारी के माता-पिता भी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।” जोशी ने कहा, “सीआईडी कर्नाटक के गृह मंत्री (के.जे.जॉर्ज) के अधीन आता है, जिनके खिलाफ उंगली उठाई जा रही है।” पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवमोगा से लोकसभा सदस्य बी.एस.येदियुरप्पा ने कहा कि लोकसभा में इस मामले को उठाने के लिए भाजपा सदन की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की अनुमति लेगी।
येदियुरप्पा ने कहा, “जब रवि के माता-पिता ने केंद्रीय एजेंसी से इसकी जांच की मांग की है, फिर कांग्रेस सरकार जांच का जिम्मा सीबीआई को देने से क्यों हिचक रही है?” तुमकूर जिले से ताल्लुक रखने वाले रवि कोलार जिले में उपायुक्त (2013-14) थे और रेत माफिया पर कार्रवाई कर उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी।
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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे
उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।
सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”
उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
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