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बिहार में नकल रोकने में शिक्षा मंत्री ने खड़े किए हाथ, विपक्ष भड़का

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पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में कई जगह जबरदस्त नकल होने की बात सामने आने पर गुरुवार को कहा कि कदाचार मुक्त परीक्षा बहुत बड़ी चुनौती है, इसे रोकना अकेले सरकार के बूते की बात नहीं है, यह सामाजिक सहयोग से ही संभव है। उनके इस बयान को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की ‘नाकामी कबूलना’ करार दिया तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंत्री के बयान का बचाव किया। शाही ने पटना में पत्रकारों से कहा, “मैं मीडिया के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्हें नकल के लिए प्रोत्साहित न करें।”

उन्होंने कहा कि नकल रोकने के लिए सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती, इसमें सबका सहयोग चाहिए। जो लोग बच्चों से नकल करवा रहे हैं, उन्हें भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता होनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि यह अजीब बात है कि बच्चों से नकल करवाने में अभिभावक, परिवार और रिश्तेदार लोग ही मदद कर रहे हैं। शाही ने कहा कि नकल रोकने में सामाजिक सहयोग की जरूरत है। अभिभावकों और रिश्तेदारों को यह समझना चाहिए कि प्रतियोगिताओं के इस युग में नकल कर परीक्षा पास कर लेने से उनके बच्चों का भला नहीं हो सकता।

मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मयूख ने कहा कि बिहार में नाकाम सरकार है, ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा, “मंत्री के बयान से यह साबित हो गया है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है। मंत्री के इस बयान से बिहार शर्मसार हुआ है।” वहीं, जनता दल (युनाइटेड) सरकार को समर्थन दे रहे राजद के प्रवक्ता रवींद्र तिवारी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि सरकार कदाचार नहीं चाहती, उन्होंने इसे रोकने में सभी लोगों से सहयोग की अपील की है।
तिवारी ने कहा, “मंत्री ने अभिभावकों से नकल न करवाने की अपील की है। उन्होंने माना है कि परीक्षा में नकल रोक पाना केवल सरकार के बूते की बात नहीं है, तो इसमें गलत क्या है? क्या अभिभावकों से अपील करना गलत है?”

गौरतलब है कि बिहार में चल रही मैट्रिक की परीक्षा के दौरान कई जिलों में कदाचार होने की खबरें गुरुवार के अखबारों में आने के बाद यह चर्चा का विषय बन गया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी ने कहा कि 17 मार्च से शुरू हुई इस परीक्षा में कदाचार करते पकड़े जाने पर अब तक 500 से ज्यादा परीक्षार्थियों को निष्कासित किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि मैट्रिक परीक्षा के लिए राज्यभर में 1217 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष परीक्षार्थियों की कुल संख्या 14.26 लाख है।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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