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केजरीवाल स्वस्थ, अस्पताल से छुट्टी 

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बेंगलुरू, | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वह पिछले दस दिनों से यहां अपनी खांसी और मधुमेह का इलाज करा रहे थे। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह तुरंत दिल्ली के रवाना हो गए। जिंदल नेचरकेयर संस्थान के चिकित्सा अधिकारी जयचंद्रन ने आईएएनएस को बताया, “केजरीवाल शाम को दिल्ली जाने के लिए एक निजी वाहन से हवाईअड्डे के लिए निकल गए हैं। वह खांसी और रक्त शर्कर की बीमारयों से उबर गए हैं।”

बेंगलुरू अस्पताल से निकलने से पहले केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि वह स्वस्थ और तरोताजा महसूस कर रहे हैं और वह देर शाम तक दिल्ली लौटने को लेकर बहुत उत्सकु हैं।
केजरीवाल ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कहा, “खांसी चली गई है। रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित है। मैं जिंदल संस्थान में इलाज कराने के बाद स्वस्थ और तरोताजा महसूस कर रहा हूं।”
चिकित्सकों और नर्सो सहित अस्पताल के चिकित्सक दल का आभार प्रकट करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह कष्टदायक खांसी और रक्त में उच्च शर्करा की मात्रा के नियंत्रित होने के बाद सहज महसूस कर रहे हैं। क्योंकि इनसे उनका स्वास्थ्य और काम दोनों प्रभावित हो रहा था।
केजरीवाल ने कहा, “मैं रात तक घर पहुंचे के प्रति आश्वस्त हूं और जल्द ही काम दोबारा शुरू कर दूंगा। मुझे वातकारी पेय पदार्थो और तेलयुक्त भोजन से दूर रहने की सलाह दी गई है। मैंने स्वस्थ और पुष्ट रहने के लिए आहार, आराम और नियमित व्यायाम के बारे में काफी जानकारियां हासिल की है।”
आम आदमी पार्टी (आप) की राज्य इकाई के संयोजक पृथ्वी रेड्डी निजी वाहन से केजरीवाल (46) को हवाईअड्डा लेकर पहुंचे। केजरीवाल के साथ दर्जन भर स्वयंसेवी भी थे।

केजरीवाल ने हालांकि पार्टी के मौजूदा संकट पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि वह अभी प्राकृतिक उपचार में व्यस्त हैं और उनके पास दिल्ली के अपने सहयोगियों के साथ मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए समय नहीं है।

केजरीवाल के साथ उनके पिता गोबिंद राम और मां गीता देवी भी थे। केजरीवाल के माता-पिता ने भी वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं का उपचार कराया।

इलाज के खर्च के बारे में केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने अपनी जेब से अस्पताल के खर्च का भुगतान किया है। दिल्ली सरकार से इलाज के खर्च का भुगतान नहीं लिया जाएगा।

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरू-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस विशाल संस्थान परिसर के मध्य में स्थित ‘नेस्ट’ नामक कॉटेज में तीन बिस्तरों वाले एक कमरे के लिए केजरीवाल ने प्रतिदिन 17,000 रुपये का भुगतान किया है।

सूत्र ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, “चिकित्सा, मसाज, योग व्यायाम और आयुर्वेद दवाओं, जूस और आहार पर केजरीवाल का कुल खर्च प्रतिदिन 10,000 से 12,000 रुपये रहा है।”

केजरीवाल के राजनीति और अन्य व्यस्तम कार्यक्रमों की वजह से चिकित्सकों ने उन्हें निर्धारित समय पर भोजन करने, जल्दी सोने और जल्दी उठने की सख्त हिदायत दी है।

पांच से छह मार्च को की गई प्रारंभिक जांच से पता चला था कि वातित पेय पदार्थो, अनियमित खानपान की प्रवृत्ति, दिल्ली में प्रदूषण के उच्चस्तर और शरीर में टॉक्सिन जमा होने सहित तनावग्रस्त जीवनशैली की वजह से केजरीवाल लगातार खांसी और मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे थे।

संस्थान ने दिल्ली पहुंचने के बाद केजरीवाल को अपने आहार में बदलाव लाने और ‘योगासन’, ‘प्राणायाम’ और ‘क्रिया’ जैसी श्वास तकनीकों का दैनिक अभ्यास करने का निर्देश दिया है।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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