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अन्तर्राष्ट्रीय

हिलेरी क्लिंटन की अनोखी ख्वाहिश, बनना चाहती हैं इस सोशल साइट की सीईओ

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अमेरिका की फर्स्‍ट लेडी रह चुकी और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन राजनीतिक जीवन छोड़कर विश्व की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक का नेतृत्व करने की इच्छा रखती हैं। जीहां, अभी हाल ही में एक कार्यक्रम में हिलेरी ने अपनी यह इच्‍छा जाहिर की।

अमेरिकन मीडिया वेबसाइट सीएनईटी के मुताबिक, मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेट अटॉर्नी जनरल मॉरा हीले ने जब हिलेरी से पूछा कि वह कौन सी कंपनी की सीईओ बनना पसंद करेगी तो इसके जवाब में हिलेरी ने बिना सोचे-समझे फेसबुक का नाम लिया। हिलेरी ने कहा, ” फेसबुक दुनिया में समाचार का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। हमारे देश की एक बड़ी आबादी को फेसबुक से ही खबरें मिलती हैं, फिर चाहे वह सच्ची हो या झूठी।”

हिलेरी शुक्रवार को हार्वर्ड मे थीं, जहां उन्हें रैडक्लिफ मेडल से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने समाज पर परिवर्तनकारी प्रभाव डाला हो। हिलेरी का यह चुनाव हैरानी पैदा करता है क्‍योंकि इस समय फेसबुक विवादों में घिरी है, उसके संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग फिर से लोगों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि फेसबुक कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद अपने यूजर्स का विश्वास वापस पाने पर काम कर रहा है। कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग किया था। (इनपुट आईएएनएस)

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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