Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

शरीफ़ की शराफ़त: 10 सालों बाद नवाज़ शरीफ़ ने बताई मुंबई हमलों की हकीकत, ‘हम थे’

Published

on

Loading

इस्लामाबाद।  भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आखिरकार मुबंई हमलों को लेकर कई सालों से बंद अपनी जुबान खोल दी है। नवाज के इस खुलासे के बाद पाकिस्तान पर संकट के बादल गहरा गए हैं। पूर्व पीएम ने स्वीकार कर लिया है कि मुंबई अटैक में पाकिस्तानी आतंकवादियों का ही हाथ था।

नवाज शरीफ के इस कबूलनामे के बाद पाकिस्तान ने उस दावे को झुठला दिया है जिसमें वह आतंकियों को पालने के आरोपों से पल्ला झाड़ता रहा है। नवाज ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि उनके देश में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं।

नवाज शरीफ ने मुंबई हमलों की पाकिस्‍तान में अटकी सुनवाई पर भी सवाल उठाया है। शुक्रवार को मुल्तान में रैली से पहले ‘द डॉन’ को दिए इंटरव्यू में नवाज ने कहा, ‘आप एक देश को नहीं चला सकते, जब दो या तीन समानांतर सरकारें चल रही हों। यह रोकना होगा। सिर्फ एक ही सरकार हो सकती है, जो संवैधानिक प्रक्रिया से चुनी गई हो।’

नवाज से जब यह पूछा गया कि उनकी नजर में वह कौन सा कारण है जिससे उनकी पीएम की कुर्सी गई तो उन्होंने बातचीत को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की तरफ मोड़ दिया। नवाज शरीफ ने कहा कुर्बानियों के बावजूद हमारी बात कोई स्वीकार नहीं करता। अफगानिस्तान की कहानी को स्वीकार कर लिया गया, लेकिन हमारी नहीं। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।’

नवाज ने आगे कहा, ‘आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं, क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने की इजाजत दे देनी चाहिए?  बताइए।’ रावलपिंडी आतंकरोधी अदालत में मुंबई हमलों का ट्रायल लंबित होने का हवाला देते हुए नवाज ने कहा, ‘हमने सुनवाई क्यों नहीं पूरी की?’ बता दें कि पाकिस्तान इस बात से हमेशा इनकार करता रहा है कि 2008 के मुंबई हमलों में उसकी कोई भूमिका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending