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यूडीएफ उम्मीदवार शकतन केरल विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित

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तिरुवनंतपुरम | केरल विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष एन. शकतन गुरुवार को राज्य विधानसभा के नए अध्यक्ष निर्वाचित किए गए। युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने अध्यक्ष पद के लिए शकतन को अपना उम्मीदवार बनाया था। शकतन को अध्यक्ष पद के लिए कराए गए चुनाव में 74 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उम्मीदवार आइशा पोट्टी को 66 वोट मिले।

केरल में विधानसभा अध्यक्ष जी. कार्तिकेयन के निधन के कारण यह निर्वाचन अनिवार्य हो गया था। कैंसर से पीड़ित कार्तिकेयन का बीते शनिवार को निधन हो गया था। केरल विधानसभा में 140 निर्वाचित सदस्य और एक मनोनीत एंग्लो-इंडियन सदस्य हैं। चुनाव के परिणाम यद्यपि पूर्वानुमानित थे, लेकिन केरल कांग्रेस पार्टी (पिल्लई) के सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री के. बी. गणेश कुमार ने मुख्यमंत्री ओमन चांडी के नेतृत्व वाली सरकार की मौजूदगी में विपक्षी वाम मोर्चे की उम्मीदवार के पक्ष में वोट करते हुए अपनी पार्टी के यूडीएफ से अलग होने का संकेत दिया। उनके पिता और केरल कांग्रेस (पिल्लई) के संस्थापक बालाकृष्णा पिल्लई ने बुधवार को यह घोषणा की थी कि उन्होंने अपने बेटे को पोट्टी के पक्ष में मत डालने के लिए कहा है, क्योंकि वे पार्टी के प्रति यूडीएफ के उदासीन रवैये को और बर्दाश्त नहीं कर सकते।

शकतन (63) नादर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिनकी तिरुवनंतपुरम में अच्छी खासी जनसंख्या है। वह चार बार तिरुवनंतपुरम से विधायक भी रह चुके हैं और 2011 से विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर रहे हैं। मुख्यमंत्री चांडी और विपक्ष के नेता वी. एस. अच्युतानंदन ने परंपरा के अनुसार नवनिर्वाचित अध्यक्ष को उनके आसन तक पहुंचाया। इसके बाद सभी दलों के नेताओं ने शकतन को बधाई दी। यूडीएफ के उम्मीदवार के खिलाफ अपनी पार्टी के वोट देने पर प्रतिक्रिया देते हुए पिल्लई ने कहा कि उनका वोट भ्रष्ट पार्टी के खिलाफ था।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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