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मुख्य समाचार

घरेलू वायु प्रदूषण से हर साल होती हैं करीब 70 लाख मौतें

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दुनिया भर के दस लोगों में से नौ लोग बढ़ते प्रदूषण स्तर वाली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। इसके अलावा घरेलू वायु प्रदूषण से हर साल लगभग 70 लाख मौतें हो रही हैं।

डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण आज चर्चा विषय बन गया है। इसे वयस्कों में गैर-संक्रामक बीमारियों (एनसीडी) के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक के रूप में पहचाना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में लोगों की मौत 24 प्रतिशत हृदय रोग, 25 प्रतिशत स्ट्रोक, 43 प्रतिशत क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज और 29 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर से होती हैं।

हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, वायु प्रदूषण मुख्य रूप से मानव निर्मित होता है क्योंकि यह मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए यह सभी के लिए तत्काल चिंता का विषय है। वायु गुणवत्ता में सुधार एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हम में से हर कोई वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने और पर्यावरण को अच्छा रखने में मदद करने के लिए हर दिन कुछ न कुछ कर सकता है।

उन्होंने कहा, वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े पर्यावरणीय जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है। फिर भी समाधान मौजूद हैं, और डेटा से पता चलता है कि कुछ देशों ने काफी प्रगति की है। यह निश्चित रूप से उत्साहजनक है। हालांकि, यह भी सच है कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास कम ही रहते हैं। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि यह समझना जरूरी है कि सरकार प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने की जिम्मेदारी अकेले ही नहीं ले सकती है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, हम सभी को अपने पर्यावरण की रक्षा करने की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। मौजूदा प्रदूषण का अधिकांश मानव निर्मित है, इसलिए हमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों में भी योगदान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक बड़ी चिंता यह है कि 2016 में पीएम 2.5 के स्तर के मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित भारत के 14 शहर दुनिया के 20 सबसे प्रदूषण वाले शहरों में शामिल थे। पीएम 10 लेवल के लिए भी, 13 भारतीय शहरों को 20 सबसे अधिक प्रदूषण वाले शहरों में शामिल किया गया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया, महात्मा गांधी ने कहा था कि आपको उस बदलाव का हिस्सा होना चाहिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं। वायु प्रदूषण के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के उपायों के लिए आवाज बुलंद करें। ऑड ईवन वाहन नियम जैसे वायु प्रदूषण उपायों में सक्रिय प्रतिभागी बनें। राज्य द्वारा लागू सभी नियमों और कानूनों का पालन करें।

नेशनल

अचानक सिक लीव पर गए 300 सीनियर कर्मचारी, एयर इंडिया की 70 से ज्यादा उड़ानें रद्द

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नई दिल्ली। एयर इंडिया के 300 सीनियर कर्मचारी एक साथ सिक लीव पर चले गए हैं जिस कारण उसकी 70 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। टाटा ग्रुप की एयरलाइन के प्रवक्ता ने बयान जारी करके देशवासियों को यह जानकारी दी।

एयरलाइन के सीनियर क्रू मेंबर्स ने बीमार होने की लीव दी है। इसके बाद एयरलाइन को इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं। वहीं सूत्रों के मुताबिक, नागरिक उड्डयन विभाग तक मामला पहुंच गया है और अधिकारी मामले में दखल दे रहे हैं, क्योंकि अचानक क्रू मेंबर्स का छुट्टी पर चले जाना विवाद की ओर संकेत कर रहा है। हाल ही में विस्तारा एयरलाइन में भी सकंट आया था। क्रू मेंबर्स छुट्टी पर चले गए थे और देशभर में यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अचानक हुई परेशानी के चलते यात्रियों से माफी मांगी और रिफंड देने का ऐलान किया। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि कंपनी के क्रू मेंबर्स से बात चल रही है। अगर कोई विवाद हुआ तो उसे जल्द सुलझा लिया जाएगा। परेशानी के लिए खेद है, पैसेंजर्स को उनका रिफंड जल्दी ही दे दिया जाएगा। जल्दी ही फ्लाइट्स एक्टिव मोड में जाएंगी। ऐसे में जो पैसेंजर्स अपनी फ्लाइट्स री-शेड्यूल कराना चाहते हैं, वे बता सकते हैं। एक्स्ट्रा फीस लिए बिना फ्लाइट री-शेड्यूल कर दी जाएगी।

बता दें कि एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयर इंडिया की सहायक कंपनी है। नवंबर 2022 में एयर इंडिया ने इसका अधिग्रहण किया था। एयरलाइन के पास 28 एयरबस, 26 बोइंग और 737 प्लेन है। एयरलाइन लगभग पूरे देश में अपनी सर्विस देती है, लेकिन अब अचानक क्रू मेंबर्स का संकट गहराने से एयरलाइन सुर्खियों में आ गई है।

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